नई दिल्ली: तेलंगाना सरकार ने मेडिसिन फ्रॉम द स्काई (आसमान से दवाएं) परियोजना के तहत ड्रोन की मदद से दवाओं और टीके की आपूर्ति (Supply of medicines and vaccines via drones) की पहल कर देशभर के डॉक्टरों और चिकित्सा संघों में उम्मीद जगा दी है. उनको लगता है कि मेडिकल ड्रोन का उपयोग स्वचालित बाहरी डिफिब्रिलेटर (एईडी) जैसी चिकित्सा आपूर्ति देने के लिए किया जा सकता है. दूरदराज के इलाकों, व्यस्त शहरों और दुर्गम इलाकों में आपातकालीन मरीजों को बचाने के लिए रेड-ब्लड सेल्स, दवा या टीके की आपूर्ति संभव हो सकेगी.
एशियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने 'ईटीवी भारत' से बात करते हुए कहा कि '2015 में हैदराबाद में अपोलो हेल्थ सिटी ने खिलौना ड्रोन का उपयोग करके आपातकालीन उपयोग का पहला सफल अनुकरण किया था. तब से लेकर अब तक इस दिशा में कई प्रयास हुए हैं.
तेलंगाना की मेडिसिन फ्रॉम द स्काई परियोजना का परीक्षण विकाराबाद (Vikarabad) में 25 सितंबर तक जारी रहेगा, जिसमें ड्रोन से कोविड -19 टीके और दवाओं की आपूर्ति की जाएगी.
स्काई एयर (Skye Air) जो डंज़ो मेड एयर कंसोर्टियम (Dunzo Med Air consortium) का एक हिस्सा है, तेलंगाना सरकार के लिए 'मेडिसिन फ्रॉम द स्काई' परियोजना में सहयोग देगी. 12 किलोमीटर तक ड्रोन के जरिए तापमान को नियंत्रित करने वाले बॉक्स में दवाओं की आपूर्ति 18 मिनट में की जाएगी.
डॉ. कोले ने कहा '2017 में अमुकेले द्वारा किए गए अध्ययन में साबित हुआ है कि रेड ब्लड सेल यूनिट, एफेरेसिस प्लेटलेट यूनिट और प्लाज्मा यूनिट ड्रोन में 26.5 मिनट तक उड़ाए जाने के बाद भी खराब नहीं हुए. ड्रोन परिवहन का कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा. लाल रक्त कोशिका हेमोलिसिस का कोई सबूत नहीं दिखाया है. ऐसे में ये कई स्थितियों में जीवन बचाने वाला साबित हो सकता है.'