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अफगानिस्तान : 400 आए वापस, इतने ही अन्य भारतीय नागरिकों के फंसे होने की आशंका

भारत ने साफ कर दिया है कि वह अफगानिस्तान में फंसे सभी भारतीयों को दिल्ली वापस लाएगा. अब तक 392 लोगों को वापस लाया जा चुका है. इनमें अफगानिस्तान के दो सांसद और दो नेपाली नागरिक भी हैं. 400 अन्य भारतीय नागरिकों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है.

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विमान के अंदर बैठे भारतीय

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Published : Aug 22, 2021, 6:43 PM IST

नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद काबुल में खराब होती सुरक्षा स्थिति की पृष्ठभूमि में भारत अफगान राजधानी से अपने नागरिकों को बाहर निकालने के अपने प्रयासों के तहत तीन उड़ानों के जरिए दो अफगान सांसदों समेत 392 लोगों को रविवार को देश वापस ले आया.

भारतीय वायुसेना के सी-17 सैन्य परिवहन विमान के जरिए 107 भारतीयों और 23 अफगान सिखों एवं हिंदुओं समेत कुल 168 लोगों को काबुल से दिल्ली के निकट हिंडन वायुसेना अड्डे पर लाया गया.

एयरपोर्ट पर लौटे भारतीय

अधिकारियों ने बताया कि 87 भारतीयों और दो नेपाली नागरिकों के एक अन्य समूह को दुशाम्बे से एअर इंडिया के एक विशेष विमान से वापस लाया गया. इससे एक दिन पहले उन्हें भारतीय वायु सेना के एक विमान आईएएफ 130जे के जरिए ताजिकिस्तान की राजधानी दुशाम्बे ले जाया गया था.

इस बीच, अमेरिका और नाटो के विमान के जरिए पिछले कुछ दिन में काबुल से दोहा ले जाए गए 135 भारतीयों के एक समूह को एक विशेष विमान से दोहा से दिल्ली लाया गया. भारत ने अमेरिका, कतर, ताजिकिस्तान और कई अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय स्थापित करके अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने का अभियान चलाया.

अफगानिस्तान से लोगों को बाहर निकालने के अभियान से अवगत अधिकारियों ने बताया कि काबुल से लाए गए 168 लोगों के समूह में अफगान सांसद अनारकली होनारयार और नरेंद्र सिंह खालसा एवं उनके परिवार भी शामिल हैं.

खालसा ने दिल्ली के निकट हिंडन एयरबेस पर पत्रकारों से कहा, 'भारत हमारा दूसरा घर है. भले ही हम अफगान हैं और उस देश में रहते हैं लेकिन लोग अक्सर हमें हिंदुस्तानी कहते हैं. मदद के लिए हाथ बढ़ाने के लिए मैं भारत को धन्यवाद देता हूं.'

एयर फोर्स विमान यात्रियों को लेकर लौटा

उन्होंने कहा, 'मुझे रोने का मन कर रहा है. सब कुछ समाप्त हो गया है. देश छोड़ने का यह एक बहुत ही कठिन और दर्दनाक निर्णय है. हमने ऐसी स्थिति नहीं देखी है. सब कुछ छीन लिया गया है. सब खत्म हो गया है.'

रविवार की निकासी के साथ, काबुल से भारत द्वारा निकाले गए लोगों की संख्या पिछले सोमवार से लगभग 590 तक पहुंच गई.

भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद ममुंडजे ने समर्थन के संदेशों के लिए भारतीय मित्रों को ट्विटर पर धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, 'मैं पिछले कुछ हफ्तों, विशेषकर पिछले 7-8 दिनों में अफगानों की पीड़ा पर सभी भारतीय मित्रों और नई दिल्ली में राजनयिक मिशनों के सहानुभूति और समर्थन संदेशों की सराहना करता हूं.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने विमान के हिंडन में उतरने से कुछ घंटों पहले ट्वीट किया कि भारतीयों की निकासी जारी है. भारत के 107 नागरिकों समेत 168 यात्री भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से काबुल से दिल्ली लाए जा रहे हैं.

ऐसा बताया जा रहा है कि काबुल से दोहा लाए गए भारतीय अफगानिस्तान स्थित कई विदेशी कंपनियों के कर्मी हैं.

बागची ने देर रात करीब एक बजकर 20 मिनट पर ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान से भारतीयों को वापस लाया जा रहा है. एआई1956 विमान ताजिकिस्तान से कुल 87 भारतीयों को नयी दिल्ली ला रहा है. दो नेपाली नागरिकों को भी लाया जा रहा है. इसमें दुशाम्बे में स्थित भारत के दूतावास ने सहायता की. लोगों को निकालने के लिए और उड़ानों का प्रबंधन किया जाएगा.'

तालिबान के पिछले रविवार को काबुल पर कब्जा जमाने के बाद भारत अफगान राजधानी से पहले ही भारतीय राजदूत और दूतावास के अन्य कर्मियों समेत 200 लोगों को वायुसेना के दो सी-19 परिवहन विमानों के जरिये वहां से निकाल चुका है. सोमवार को 40 से ज्यादा भारतीयों को लेकर पहली उड़ान भारत पहुंची थी. भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों एवं सुरक्षाकर्मियों और वहां फंसे कुछ भारतीयों समेत करीब 150 लोगों के साथ दूसरा सी-17 विमान मंगलवार को भारत पहुंचा था.

अमेरिकी सैनिकों की स्वदेश वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने अफगानिस्तान में इस महीने तेजी से अपने पांव पसारते हुए राजधानी काबुल समेत वहां के अधिकतर इलाकों पर कब्जा जमा लिया है. इन लोगों की वापसी के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अब ध्यान अफगानिस्तान की राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा.

विमान के अंदर लौटने वाले भारतीय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार के लिए तात्कालिक प्राथमिकता अफगानिस्तान में फिलहाल रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक सूचना प्राप्त करना है. मंत्रालय ने भारतीयों के साथ ही उनके नियोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे विशेष अफगानिस्तान प्रकोष्ठ के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करें.

एक अनुमान के मुताबिक, अफगानिस्तान में करीब 400 भारतीय फंसे हो सकते हैं और भारत उन्हें वहां से निकालने का प्रयास कर रहा है और इसके लिए वह अमेरिका एवं अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ समन्वय से काम कर रहा है.

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