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भारत-यूरोपीय संघ ने संबंधों के सम्पूर्ण आयामों को गति देने के लिए की शिखर बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत-यूरोपीय संघ के राष्ट्राध्यक्षों एवं शासनाध्यक्षों के साथ शिखर बैठक की. जिसमें कोविड-19 की स्थिति एवं स्वास्थ्य संबंधी तैयारी, पृथ्वी की सुरक्षा एवं हरित विकास को बढ़ावा, जलवायु परिवर्तन, अर्थव्यवस्था का आधुनिकीकरण समेत अन्य मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई.

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Published : May 8, 2021, 9:02 PM IST

Updated : May 8, 2021, 9:45 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय संघ+27 के प्रारूप में यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं के साथ संवाद किया. प्रधानमंत्री मोदी ने यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल के निमंत्रण पर विशेष आमंत्रित के रूप में यूरोपीय परिषद की बैठक में भाग लिया.

बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट किया कि कोविड -19 महामारी को रोकने और अधिक डिजिटल और हरियाली वाली दुनिया में स्थायी और समावेशी विकास के लिए हमारा सहयोग आवश्यक है. हमारे लोगों की शांति और समृद्धि हासिल करने के लिए हमारी मजबूत साझेदारी आवश्यक है. हमने व्यापार और निवेश समझौतों, साथ ही हमारी नई कनेक्टिविटी भागीदारी के लिए वार्ता की बहाली का स्वागत किया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक भलाई के लिए भारत-यूरोपीय संघ के रिश्ते को बदलने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाते हुए, मैंने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के सभी नेताओं और राष्ट्रपतियों चार्ल्स मिशेल और उर्सुला वॉन डेर लेयन के साथ भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के लिए एक आभासी बातचीत की है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय संघ के देशों के सभी नेताओं एवं यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि पहली बार प्रधानमंत्री ने यूरोपीय संघ+27 के प्रारूप में नेताओं के साथ बैठक की. यह भारत और यूरोपीय संघ् के बीच मजबूत राजनीतिक इच्छा का परिचायक है.

भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) संतुलित, महत्वाकांक्षी और समग्र व्यापार समझौता के लिए वार्ता बहाल करने पर सहमत हुए. मंत्रालय ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ स्टैंड-अलोन निवेश संरक्षण समझौता पर बातचीत शुरू करने के लिए सहमत हुए.

वहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि शिखर बैठक में यूरोपीय संघ के सदस्यों ने वास्तविक अर्थों में एकजुटता प्रदर्शित की. विदेश मंत्रालय द्वारा भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के संबंध में जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि आज की बैठक में साझे हितों, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून के शासन एवं मानवाधिकारों का सम्मान जैसे मूल्यों एवं सिद्धांतों को रेखांकित किया गया जो हमारी सामरिक साझेदारी का मूल है. दोनों पक्षों ने जुलाई 2020 में पिछली शिखर बैठक के बाद एवं हाल के समय में उनके बीच साझेदारी में आई गति की सराहना की.

संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस संदर्भ में दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ ढांचा 2025 को लेकर तय कार्य बिन्दुओं को लागू करने तथा आज लिए गए नए फैसलों को आगे बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की. इसमें कहा गया है कि हमने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि दुनिया के बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत और यूरोपीय संघ का बहुध्रुवीय विश्व में सुरक्षा, समृद्धि और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने में साझा हित है.

बयान के अनुसार दोनों पक्षों ने इस दिशा में हुई प्रगति को और आगे बढ़ाने तथा टिकाऊ विकास एवं पेरिस समझौता 2030 के एजेंडे पर सुरक्षित, हरित, अधिक डिजिटल एवं स्थिर विश्व की दिशा में संयुक्त रूप से योगदान देने पर सहमति व्यक्त की. मंत्रालय के अनुसार दोनों पक्षों के बीच भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी तथा पुणे मेट्रो रेल परियोजना के संबंध में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए.

दोनों पक्षों ने कोविड-19 की स्थिति एवं स्वास्थ्य संबंधी तैयारी के बारे में भी चर्चा की. बयान में कहा गया है कि हम महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर उत्पन्न कठिन परिस्थितियों को समझते हैं. हम इस महामारी के कारण भारत, यूरोप तथा शेष दुनिया में जान गंवाने वालों के प्रति शोक प्रकट करते हैं एवं पीड़ितों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करते हैं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री का भारत-यूरोपीय संघ शिखर बैठक में हिस्सा लेने पुर्तगाल जाने का कार्यक्रम था लेकिन देश में कोविड-19 के संक्रमण की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न संकट को देखते हुए यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी और दोनों पक्षों ने डिजिटल माध्यम से बैठक करने का निर्णय किया था.

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यूरोपीय संघ, भारत के लिए सामरिक रूप से महत्वपूर्ण समूह है और यह 2018 में भारत का सबसे बड़ा कारोबारी सहयोगी रहा है. यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2018-19 में 115.6 अरब डॉलर का था. जिसमें निर्यात 57.17 अरब डॉलर तथा आयात 58.42 अरब डॉलर का रहा.

Last Updated : May 8, 2021, 9:45 PM IST

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