नई दिल्ली: इस महीने यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अफ्रीकी संघ (एयू) को स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किए जाने के बाद, भारत में दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त जोएल सिबुसिसो नेडेबेले (South African envoy Joel Sibusiso Ndebele) ने कहा है कि अफ्रीका के देशों ने भारत की अध्यक्षता के दौरान उसके जन-केंद्रित दृष्टिकोण की सराहना की.
सेंटर फॉर ग्लोबल इंडिया इनसाइट्स थिंक टैंक और इंडिया राइट्स नेटवर्क द्वारा आयोजित 'भारत के जी20 प्रेसीडेंसी नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था और आगे की राह' विषय पर एक पैनल चर्चा में बोलते हुए नेडेबेले ने कहा, 'हम जी20 में जन-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने के लिए भारत को धन्यवाद देते हैं.'
उन्होंने जी20 में शामिल होने के लिए अतीत में एयू के कई अनुरोधों का जिक्र करते हुए कहा, 'दिल्ली से पहले अफ्रीका की एकमात्र भूमिका 'आह्वान, आह्वान, आह्वान' रही है. ये अब ख़त्म हो गया है.'
शुरुआत से ही भारत ने कहा था कि उसकी G20 की अध्यक्षता ग्लोबल साउथ के लिए एक आवाज़ होगी. भारत की पहल पर 55 देशों वाले एयू को 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में अंतर सरकारी मंच के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान जी20 का हिस्सा बनाया गया था. इस वर्ष भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समूह के एजेंडे में अफ्रीकी देशों की प्राथमिकताओं को एकीकृत करने पर जोर दिया था, जो वैश्विक दक्षिण का बहुमत हैं. G20 में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल हैं.
नेडेबेले ने कहा कि इस साल जी20 शिखर सम्मेलन में अफ्रीका से सबसे अधिक संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया, यह महाद्वीप 1.3 अरब की आबादी और 3 ट्रिलियन डॉलर की संयुक्त जीडीपी वाला महाद्वीप है.
दक्षिण अफ्रीकी के उच्चायुक्त ने कहा, 'दिल्ली शिखर सम्मेलन यूक्रेन में युद्ध, बढ़ती गरीबी और कोविड-19 महामारी सहित दुनिया में बढ़ते ध्रुवीकरण की पृष्ठभूमि में हुआ.लेकिन शिखर सम्मेलन यह सुनिश्चित करने में सक्षम था कि यूक्रेन में युद्ध से भारत का ध्यान भटक न जाए.'
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए केवल सात साल शेष हैं, अब ध्यान वित्तीय समावेशन, महिला सशक्तिकरण, जलवायु परिवर्तन से लड़ने और ग्लोबल साउथ की आवाज सुनने पर होना चाहिए.
नेडेबेले ने कहा कि 'अब एसडीजी में तेजी लाना बहुत महत्वपूर्ण है.जलवायु परिवर्तन एक अस्तित्वगत ख़तरा है, ख़ासकर छोटे द्वीप देशों के लिए.' उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों, विशेष रूप से अफ्रीका के देशों ने बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधारों को बढ़ावा देने के लिए जी20 नेताओं की सराहना की.
दक्षिण अफ़्रीकी उच्चायुक्त ने कहा, 'वैश्विक वित्तीय संस्थानों में सुधार को टाला नहीं जा सकता. ग्लोबल साउथ और अफ्रीका अब तमाशबीन नहीं रहेंगे बल्कि जी20 की मेज पर बैठेंगे. एयू वैश्विक विकास में अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा.'