नई दिल्ली/ इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और नई दिल्ली में एक संयुक्त बयान जारी कर दोनों पक्षों ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन संपर्क तंत्र को लेकर चर्चा की और नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में हालात की सौहार्दपूर्ण एवं खुले माहौल में समीक्षा की.
संयुक्त बयान में कहा गया, 'सीमाओं पर दोनों देशों के लिए लाभकारी एवं स्थाई शांति स्थापित करने के लिए डीजीएमओ ने उन अहम चिंताओं को दूर करने पर सहमति जताई, जिनसे शांति बाधित हो सकती है और हिंसा हो सकती है.'
अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए होगी 'फ्लैग मीटिंग'
बयान में कहा गया, 'दोनों पक्षों ने 24-25 फरवरी की मध्यरात्रि से नियंत्रण रेखा एवं सभी अन्य क्षेत्रों में संघर्ष विराम समझौतों, और आपसी सहमतियों का सख्ती से पालन करने पर सहमति जताई.' दोनों पक्ष ने दोहराया कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने या गलतफहमी दूर करने के लिए हॉटलाइन संपर्क और 'फ्लैग मीटिंग' व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाएगा.
घोषणा के बारे में पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत, पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे रिश्ते चाहता है और शांतिपूर्ण तरीके से सभी मुद्दों को द्विपक्षीय ढंग से सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने संवाददाताओं से कहा, 'महत्वपूर्ण मुद्दों पर हमारे रूख में कोई बदलाव नहीं आया है. और मुझे यह दोहराने की जरूरत नहीं.'
आतंकवाद के खिलाफ नहीं रुकेगा सेना का अभियान
सैन्य अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम का यह मतलब नहीं कि आतंकवाद के खिलाफ सेना का अभियान थम जाएगा. सतर्कता में किसी भी प्रकार की कमी नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे संघर्ष विराम समझौते को लेकर आशावादी हैं, लेकिन पूरी तरह सावधानी बरतेंगे.
भारत और पाकिस्तान ने 2003 में संघर्ष विराम समझौता किया था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से शायद ही इस पर अमल हुआ.
'डॉन' अखबार ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार के हवाले से कहा है, '1987 से ही भारत और पाकिस्तान के बीच हॉटलाइन स्तर पर संपर्क हो रहा है. इस स्थापित तंत्र के जरिए दोनों देशों के डीजीएमओ संपर्क में रहते हैं.'