नई दिल्ली : व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि भारत ने परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में वैश्विक प्रयासों में अग्रणी भूमिका निभाई है.
श्रृंगला ने कहा कि भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने तथा परमाणु शस्त्रों का पूरी तरह उन्मूलन करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है, जो निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के पहले दस्तावेज द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण को दी गयी सर्वोच्च प्राथमिकता के संगत है.
उन्होंने कहा कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है. श्रृंगला ने कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है.'
विदेश सचिव के इस बयान को स्पष्ट तौर पर चीन और इसके सहयोगी पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है क्योंकि बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद को परमाणु सामग्री निर्यात करने को लेकर चिंता जाहिर की गई है और इसे तय प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया गया है.
अमेरिकी थिंक टैंक 'आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ चीन का परमाणु सहयोग, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के नियमों के खिलाफ है.