नई दिल्ली : प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल विपिन रावत (Chief of Defence Staff Gen Bipin Rawat ) ने शुक्रवार को कहा कि भारत और चीन दोनों को क्रमिक रूप से पूर्वी लद्दाख (eastern Ladakh ) में यथास्थिति बहाल करने में सक्षम होना चाहिए क्योंकि दोनों ही देश यह समझते हैं कि क्षेत्र में शांति और अमन स्थापित करना उनके सर्वोत्तम हित में है.
एक विचारक संस्था के कार्यक्रम में अपने संबोधन में जनरल रावत ने कहा कि इसी के साथ भारत को 'किसी भी दुस्साहस' के लिए तैयार रहना चाहिए और जैसा उसने पूर्व में किया, उसी तरह की प्रतिक्रिया देनी चाहिए. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'मैं यही कहूंगा कि अपनी निगरानी बढ़ाइये, तैयार रहिए, चीजों को हल्के में मत लीजिए. हमें किसी भी दुस्साहस और उस पर प्रतिक्रिया के लिये भी तैयार रहना चाहिए. हमने पूर्व में ऐसा किया है और भविष्य में भी ऐसा करेंगे.'
लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध के समाधान के बारे में जनरल रावत ने कहा कि विवाद सुलझाने के लिये दोनों पक्ष, राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'इसमें वक्त लगेगा. मुझे लगता है कि क्रमिक रूप से हम यथास्थिति हासिल करने में सक्षम होंगे क्योंकि अगर आप यथा स्थिति हासिल नहीं करेंगे, और ऐसी ही स्थिति में बने रहेंगे तो किसी समय यह दुस्साहस का कारण बन सकती है.'
उन्होंने कहा, 'इसलिये, दोनों राष्ट्र यह समझते हैं कि यथास्थिति की बहाली क्षेत्र में अमन और शांति के सर्वोत्तम हित में है, जिसके लिये हमारा देश प्रतिबद्ध है.'
यह पूछे जाने पर कि क्या गतिरोध के बचे हुए बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की अपनी बात से चीन मुकर गया, उन्होंने कहा कि दोनों तरफ संदेह है और भारत ने भी वहां काफी संख्या में अपने सैनिक और संसाधन भेजे हैं.