नई दिल्ली : भारत और चीन (India and China )अगले कुछ दिनों में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा ( Line of Actual Control)(एलएसी) पर गोगरा में एक फ्रिक्शन प्वाइंट से सैनिकों को वापस बुलाने के प्रस्ताव पर काम कर रहे हैं. यह जारी सीमा संकट को हल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है. गोगरा में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 17ए से सैनिकों की वापसी पर अंतिम निर्णय सैन्य और राजनयिक पदानुक्रम के शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिया जाएगा.
दोनों देश 31 जुलाई को कॉर्प कमांडर-स्तरीय बैठक के 12 दौर के दौरान सुझाई गई अंतरिम व्यवस्थाओं का भी मूल्यांकन कर रहे हैं.
भारत-चीन कोर कमांडर स्तर की बैठक के 12वें दौर के संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखने के अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे.
31 जुलाई को भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियो ने लद्दाख क्षेत्र के मोल्दो में सीमा संकट को हल करने के लिए लगभग नौ घंटे तक विचार-विमर्श किया.
भारतीय सेना ने कहा कि बैठक का यह दौर 14 जुलाई को दुशांबे में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक और भारत-चीन सीमा मामलों (डब्लूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 22वीं बैठक के बाद आयोजित किया गया था.