नई दिल्ली : भारत और चीन एलएसी विवाद (india china lac dispute) पर 15वें दौर की वार्ता करेंगे. रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्र ने बताया है कि दोनों पक्षों के बीच पारस्परिक रूप से बनी सहमति के मुताबिक 11 मार्च, 2022 को चुशुल मोल्दो में बैठक होगी. दोनों पक्षों के बीच इस वार्ता का आयोजन करीब एक महीने के बाद होगा.
समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों (Sources in Defence Establishment) के हवाले से कहा, चुशुल मोल्दो प्वाइंट पर भारतीय इलाके में कोर कमांडर स्तर की वार्ता (India china talks at Indian side of Chushul Moldo Meeting Point) के 15 वें दौर का आयोजन 11 मार्च को करने का निर्णय लिया गया है.
सूत्रों के अनुसार, शेष क्षेत्रों में 22 महीने से जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए दोनों पक्ष शुक्रवार को लद्दाख में चुशुल मोल्दो में अगले दौर की बैठक करेंगे. उन्होंने उल्लेख किया कि पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए दोनों पक्षों द्वारा हाल के बयान उत्साहजनक और सकारात्मक प्रकृति के हैं.
गलवान घाटी में झड़प के बाद भारत चीन रिश्ता
अब तक की बातचीत के परिणामस्वरूप पैगोंग सो (झील) के उत्तरी और दक्षिणी किनारे, गलवान और गोगरा हॉट स्प्रिंग क्षेत्रों के मुद्दों का समाधान हुआ है. हालांकि, इस साल 12 जनवरी को हुई बातचीत के 14वें दौर में कोई नयी सफलता नहीं मिली. बता दें कि पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पांच मई 2020 को भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध शुरू हुआ. दोनों पक्षों ने धीरे-धीरे हजारों सैनिकों के साथ-साथ भारी सैन्य साजो सामान की तैनाती कर दी.
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इससे पहले जनवरी, 2022 में भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की बातचीत का 14वां दौर करीब 13 घंटे तक चला था. जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह चुशुल-मोल्दो में शुरू हुई बैठक 12 जनवरी की रात करीब साढ़े 10 बजे खत्म हुई. भारत का प्रतिनिधित्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया. तीन महीने से अधिक के अंतराल के बाद भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में पिछले 20 महीने से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को हल करने की कोशिश में जुटे हैं. बताया जा रहा है कि बाचतीच का मुख्य फोकस हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र को हल करने पर रहा.