दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

लद्दाख गतिरोध : भारत-चीन के बीच 13वें दौर की वार्ता जल्द, हॉट स्प्रिन्ग को लेकर होगी चर्चा

सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच जल्द 13वें दौर की वार्ता हो सकती है. इसके लिए भारतीय सेना द्वारा जल्द ही चीन को निमंत्रण भेजा जाएगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. पढ़िए पूरी खबर..

लद्दाख गतिरोध
लद्दाख गतिरोध

By

Published : Aug 26, 2021, 9:26 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 9:40 PM IST

नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच 13वें दौर की वार्ता जल्द हो सकती है. इसके लिए भारत की तरफ से जल्द ही चीन को निमंत्रण भेजा जाएगा. इस बार दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास हॉट स्प्रिन्ग के नजदीक विवाद को खत्म करने पर सहमति जता सकते हैं. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों ने बताया कि दोनों देश पैंगोग झील, गलवान घाटी और गोगरा हाइट्स जैस अहम इलाकों में अपने विवाद को सुलझा लिया है. सूत्रों ने बताया कि भारत की तरफ से जल्द ही चीन को निमंत्रण भेजा जाएगा, ताकि हॉट स्प्रिन्ग इलाके में मौजूदा विवाद को खत्म करने की दिशा में चर्चा की जा सके.

भारत और चीन के बीच अब तक 12 दौर की वार्ता हो चुकी है, जिससे पैंगोंग क्षेत्र और गोगरा जैसे महत्वपूर्ण इलाकों के मुद्दों को सुलझाने में मदद मिली है.

12वें दौर की वार्ता के बाद भारत ने एक संयुक्त बयान में कहा था कि भारत और चीन मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार शेष सीमा मुद्दों को तेजी से हल करने और बातचीत की गति को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं.

भारतीय सेना ने बयान में कहा था कि दोनों पक्षों के बीच भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों को पीछे हटाने से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ.

31 जुलाई को भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने लद्दाख क्षेत्र के मोल्दो में सीमा संकट को हल करने के लिए लगभग नौ घंटे तक विचार-विमर्श किया था. अप्रैल में कोर कमांडर स्तर की वार्ता के 11वें दौर के दौरान गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और डेपसांग में तनाव वाले बिंदुओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया था.

अब तक, कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 12 दौर के अलावा, दोनों बलों ने 10 मेजर जनरल स्तर, 55 ब्रिगेडियर स्तर की वार्ता और हॉटलाइन पर 1,450 कॉल भी की हैं. इस साल फरवरी में अब तक दो हिमालयी दिग्गजों की सेना पैंगोंग त्सो के दोनों किनारों से हट चुकी है.

यह भी पढ़ें-एलएसी गतिरोध पर बैठक में चीनी राजनयिक भी होंगे, विघटन पर जोर

चीन पिछले कुछ समय से एलएएसी के पार सैन्य बुनियादी ढांचे को बढ़ा रहा है. इसे देखते हुए, भारत ने चीन के प्रति अपना रुख बदल दिया है, और अपने पिछले रक्षात्मक दृष्टिकोण के विपरीत, अब यह आक्रामकता का जवाब आक्रामक शैली से दे रहा है. भारत अब वापस हमला करने के लिए सैन्य विकल्पों की पूर्ति कर रहा है और उसी के अनुसार इसने अपनी सेना को किसी भी नापाक मंसूबों से निपटने के लिए तैयार किया हुआ है.

भारत ने लगभग 50,000 सैनिकों को पुनर्निर्देशित किया है, जिनका मुख्य ध्यान चीन के साथ विवादित सीमाओं पर है. भारत चीन की हर गतिविध पर पैनी नजर रख रहा है, क्योंकि भारत को चालबाज चीन पर भरोसा नहीं है.

Last Updated : Aug 26, 2021, 9:40 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details