दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

INDIA CENTRAL ASIA SUMMIT : आतंक मुक्त दुनिया बनाने पर जोर - INDIA CENTRAL ASIA SUMMIT

भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने जोर देकर कहा कि सीमा पार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करना मानवता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. जानिए भारत-मध्य एशिया सम्मेलन (INDIA CENTRAL ASIA SUMMIT) में और किन मुद्दों पर हुई चर्चा.

INDIA CENTRAL ASIA SUMMIT
भारत-मध्य एशिया सम्मेलन

By

Published : Jan 28, 2022, 6:31 AM IST

नई दिल्ली : भारत और पांच मध्य एशियाई देशों (India and five Central Asian countries) ने गुरुवार को अपने पहले सम्मेलन में अफगानिस्तान पर संयुक्त कार्य समूह के गठन का निर्णय लिया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भारत और मध्य एशिया के बीच सहयोग आवश्यक है और अफगानिस्तान के मद्देनजर मौजूदा वक्त में यह और जरूरी हो गया है.

सम्मेलन में भारत और पांच मध्य एशियाई देशों ने जोर देकर कहा कि सीमा पार आतंकवाद और आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए प्रॉक्सी का उपयोग करना मानवता के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है. उन्होंने आतंक से मुक्त दुनिया के लिए व्यापक रूप से खतरे का मुकाबला करने का आह्वान किया.

भारत-मध्य एशिया सम्मेलन का हर दूसरे साल होगा आयोजन
बेहद महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए नेताओं ने भारत-मध्य एशिया सम्मेलन का हर दूसरे साल आयोजन करने और विदेश, व्यापार तथा संस्कृति मंत्रियों के बीच लगातार बैठकें करने का फैसला लिया. इस नयी प्रणाली को आगे बढ़ाने के लिए नयी दिल्ली में भारत-मध्य एशिया सचिवालय बनाया जाएगा.

सम्मेलन में कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम जुमरात तोकायेव, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमामअली रहमान, तुर्कमेनिस्तान के राष्ट्रपति गुरबांगुली बर्दीमुहम्मदेवो और किर्गिस्तान के राष्ट्रपति सद्र जापारोप ने भाग लिया. सम्मेलन के बाद नेताओं ने 'दिल्ली घोषणापत्र' जारी किया और 'आतंकवाद मुक्त विश्व' बनाने के लिए आतंकवाद के खिलाफ मिलजुल कर लड़ने पर राजी हुए.

इस पर जोर देते हुए कि मध्य एशिया 'समेकित और स्थिर पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का मुख्य बिन्दु है' प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्रीय संपर्क और अगले 30 साल तक सहयोग बनाए रखने की बात कही ताकि सम्मेलन के तीन मुख्य लक्ष्य प्राप्त हो सकें. सम्मेलन, से दो दिन पहले चीन ने मध्य एशियाई देशों के साथ अलग से बैठक की थी.

यह पूछने पर कि क्या बैठक में चीन पर भी चर्चा हुई, विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) रीनत संधू ने कहा, 'मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की पुरानी मित्रता ऐतिहासिक संस्कृति और सभ्यता से जुड़ी मजबूत नींव पर आधारित है. वे अपने गुणों के कारण इस रूप में हैं. सम्मेलन का मुख्य लक्ष्य भारत-मध्य एशिया साझेदारी को और मजूबत बनाना है.'

यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा नहीं
यह पूछने पर कि क्या यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई, संधू ने 'ना' में जवाब दिया. दोनों पक्षों ने संपर्क को लेकर सहयोग बढ़ाने की बात कही और मध्य एशियाई देशों ने चाबहार बंदरगाह पर संयुक्त कार्य समूह गठित करने के भारत के प्रस्ताव का स्वागत किया. यह प्रस्ताव भारत और मध्य एशिया देशों के बीच उत्पादों के मुक्त आवागमन से जुड़ा हुआ है.

संधू ने कहा कि सम्मेलन में नेताओं के बीच अफगानिस्तान पर करीबी सलाह-मशविरा जारी रखने पर सहमति बनी और उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर संयुक्त कार्य समूह गठित करने का फैसला लिया.

पढ़ें- Cariappa ground NCC event : एनसीसी कैडेट्स को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

संयुक्त बयान के अनुसार, सम्मेलन के दौरान नेताओं ने अफगानिस्तान में मौजूदा हालात और क्षेत्र की स्थिरता तथा सुरक्षा पर उसके प्रभाव पर चर्चा की. बयान के अनुसार नेताओं ने आतंकवाद के सभी स्वरूपों और संबंधित सभी पहलुओं की आलोचना की. उन्होंने दोहराया कि आतंकवादियों का साथ देना, सीमापार आतंकवाद के लिए आतंकवादी 'प्रॉक्सी' का इस्तेमाल करना, आतंक वित्त्तपोषण, हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी, कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देना और गलत सूचना फैलाने तथा हिंसा भड़काने के लिए साइबर स्पेस का उपयोग करना मानवता और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details