नई दिल्ली :विदेशी भारतीय समुदाय द्वारा राष्ट्र के विकास में दिए गए योगदान का सम्मान करने के लिए भारत ने शनिवार को 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें दुनियाभर के प्रवासी भारतीयों और प्रख्यात विशेषज्ञों की भागीदारी देखी गई.
विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में 'आत्मनिर्भर भारत में योगदान' विषय के तहत सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया. अधिवेशन में मुख्य अतिथि के रूप में सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी मौजूद रहे.
पीबीडी सम्मेलन के संबंध में ईटीवी भारत से बात करते हुए फिजी में भारत की पूर्व राजदूत पद्मजा ने कहा कि इस वर्ष का प्रवासी भारतीय दिवस, जो कि आत्मनिर्भर भारत के लिए योगदान देने वाली थीम के साथ मनाया जा रहा है, यह न केवल भारत के लिए व्यापार के अवसरों को बेहतर करेगा, बल्कि सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रवासी भारतीयों को भी समान अवसर देगा. हम कृषि, उद्योग और विभिन्न क्षेत्रों में एक-दूसरे के सर्वोत्तम विशेषज्ञता से लाभान्वित होंगे.
महामारी का यह कठिन दौर
उन्होंने कहा कि महामारी के इस कठिन दौर में दुनिया के सभी देशों की अपनी आवश्यकताएं हैं. यह सम्मेलन हमें नए समाधानों का पता लगाने, साझा करने और कार्यान्वित करने की अनुमति देगा. भारत कोविड वैक्सीन को रोल आउट करने वाला है और यह इस उपलब्धि को प्रदर्शित करने का एक उपयुक्त अवसर है. यह हमारी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा. उन्होंने आगे कहा कि हमने अपनी उपलब्धियों से दुनियाभर में भारतीयों को गौरवान्वित किया.
अधिवेशन की सार्थकता पर बात करते हुए पूर्व राजनयिक पद्मजा ने कहा, 'मैं भारत और उसके लोगों के बीच संबंधों को एक पेड़ की जड़ों के रूप में देखती हूं. ये नए पत्ते, फूल आदि इन जड़ों से ही अपना जीवन प्राप्त करते हैं. उनकी सुंदरता और उपयोगिता वृक्ष को समग्र रूप से मजबूती प्रदान करती है, जिससे यह पूर्ण हो जाता है. पीबीडी जो 2003 में शुरू हुआ था, अब हर साल नौ जनवरी को मनाया जाता है. यह दिन महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने की याद दिलाता है.'