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कल्पना और सुनीता के बाद सिरिशा, अंतरिक्ष के लिए आज भरेंगी उड़ान

कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद सिरिशा बांदला अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला होंगी. वह आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले से आती हैं. वह अंतरिक्ष यात्री संख्या 004 होंगी और उड़ान के दौरान उनकी भूमिका 'रिसर्चर एक्सपीरियंस' की होगी.

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सिरिशा बांदला

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Published : Jul 11, 2021, 2:05 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 2:14 PM IST

ह्यूस्टन : अंतरिक्षयान बनाने वाली दिग्गज कंपनी के रविवार को निर्धारित पहले पूर्ण चालक दल युक्त उड़ान परीक्षण का हिस्सा बनने वाली एरोनॉटिकल इंजीनियर, 34 वर्षीय सिरिशा बांदला अंतरिक्ष जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला होंगी.

आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में जन्मीं और टेक्सास के ह्यूस्टम में पली-बढ़ीं बांदला, कंपनी के अरबपति संस्थापक सर रिचर्ड ब्रेनसन तथा वर्जिन गैलेक्टिक के अंतरिक्षयान टू 'यूनिटी' में सवार होने वाले पांच अन्य सदस्यों के साथ न्यू मेक्सिको से अंतरिक्ष के सिरे तक का सफर करेंगी.

उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं यूनिटी 22 के अद्भुत क्रू का हिस्सा और एक ऐसी कंपनी का हिस्सा बनने के लिए अविश्वसनीय रूप से सम्मानित महसूस कर रही हूं, जिसका मिशन अंतरिक्ष को सभी के लिए उपलब्ध कराना है.'

वर्जिन गैलेक्टिक पर बांदला के प्रोफाइल के मुताबिक, वह अंतरिक्ष यात्री संख्या 004 होंगी और उड़ान के दौरान उनकी भूमिका 'रिसर्चर एक्सपीरियंस' की होगी.

वह कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स के बाद अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की तीसरी महिला होंगी.

कल्पना चावला (फाइल फोटो)
सुनीता विलियम्स (फाइल फोटो)

उन्होंने वर्जिन गैलेक्टिक के ट्विटर अकाउंट पर छह जुलाई को पोस्ट किए गए वीडियो में कहा था, 'मैंने जब पहली बार सुना कि मुझे यह मौका मिल रहा है, तो मैं नि:शब्द हो गई थी. यह अद्भुत अवसर है, जब अंतरिक्ष में विभिन्न पृष्ठभूमि, स्थान और अलग-अलग समुदाय के लोग होंगे.'

गैलेक्टिक की वेबसाइट पर एक बयान के मुताबिक परड्यू विश्वविद्यालय की छात्रा रहीं, बांदला, यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा से एक प्रयोग का इस्तेमाल कर मानव-प्रवृत्त अनुसंधान अनुभव का मूल्यांकन करेंगी, जिसमें हाथ में पकड़े जाने वाले ट्यूबों को उड़ान के दौरान विभिन्न मौकों पर सक्रिय किया जाएगा.

विश्वविद्यालय ने एक बयान में बताया कि बांदला ने जनवरी 2021 में वर्जिन गैलेक्टिक में सरकारी मामलों और अनुसंधान कार्यों के उपाध्यक्ष के रूप में अपनी पारी शुरू की थी.

सिरिशा के दादा अपनी पोती की इस उपलब्धि से काफी खुश हैं. उन्होंने कहा कि सिरिशा अंतरिक्ष यात्रा पर जाने वाली तेलुगु मूल की पहली महिला होने का रिकॉर्ड बनाने जा रही है.

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उन्होंने कहा कि सिरिशा के पिता मुरलीधर ने प्लांट पैथोलॉजी (Plant Pathology) में पीएचडी की और 1989 में अमेरिका चले गए थे. वह वहां अमेरिकी सरकार के लिए काम कर रहे हैं. सिरिशा की मां अनुराधा भी वहां काम करती हैं और वॉशिंगटन डीसी में रहते हैं.

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Last Updated : Jul 11, 2021, 2:14 PM IST

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