संयुक्त राष्ट्र : भारत ने मंगलवार को पहले परमाणु हथियार उपयोग नहीं करने और गैर-परमाणु हथियार वाले देशों के खिलाफ इनका इस्तेमाल नहीं करने के अपने सिद्धांत की पुष्टि की और संयुक्त राष्ट्र को बताया कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से सार्वभौमिक प्रतिबद्धता और एक सहमत बहुपक्षीय ढांचे के जरिए हासिल किया जा सकता है जोकि 'वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण है'
'परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि भारत इस अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का स्वागत करता है.
श्रृंगला ने कहा, 'भारत सार्वभौमिक, गैर-भेदभावपूर्ण और सत्यापन योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है ताकि परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन हो सके.' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने एक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में प्रकट नए विचारों के प्रति भारत के खुलेपन का संकेत दिया है, जिसमें कहा गया है कि सभी जगहों से नेक विचार हमारे पास आएं. उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियार मुक्त दुनिया को साकार करने की दिशा में सभी सदस्य देशों के साथ जुड़ेगा.
इससे पहले भारत ने सोमवार को चीन और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ की ओर इशारा करते हुए इस बात को रेखांकित किया था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है. आयरलैंड की अध्यक्षता में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा था कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है.