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परमाणु निरस्त्रीकरण का लक्ष्य चरणबद्ध तरीके से ही प्राप्त किया जा सकता है : श्रृंगला

संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने पहले परमाणु हथियार उपयोग नहीं करने और गैर-परमाणु हथियार वाले देशों के खिलाफ इनका इस्तेमाल नहीं करने के अपने सिद्धांत की पुष्टि की.

हर्षवर्धन श्रृंगला
हर्षवर्धन श्रृंगला

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Published : Sep 29, 2021, 7:24 AM IST

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने मंगलवार को पहले परमाणु हथियार उपयोग नहीं करने और गैर-परमाणु हथियार वाले देशों के खिलाफ इनका इस्तेमाल नहीं करने के अपने सिद्धांत की पुष्टि की और संयुक्त राष्ट्र को बताया कि परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से सार्वभौमिक प्रतिबद्धता और एक सहमत बहुपक्षीय ढांचे के जरिए हासिल किया जा सकता है जोकि 'वैश्विक और गैर-भेदभावपूर्ण है'

'परमाणु हथियारों के पूर्ण उन्मूलन के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस' के मौके पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला (Harsh Vardhan Shringla) ने कहा कि भारत इस अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाने का स्वागत करता है.

श्रृंगला ने कहा, 'भारत सार्वभौमिक, गैर-भेदभावपूर्ण और सत्यापन योग्य परमाणु निरस्त्रीकरण के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है ताकि परमाणु हथियारों का पूर्ण उन्मूलन हो सके.' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने एक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में प्रकट नए विचारों के प्रति भारत के खुलेपन का संकेत दिया है, जिसमें कहा गया है कि सभी जगहों से नेक विचार हमारे पास आएं. उन्होंने कहा कि भारत परमाणु हथियार मुक्त दुनिया को साकार करने की दिशा में सभी सदस्य देशों के साथ जुड़ेगा.

इससे पहले भारत ने सोमवार को चीन और पाकिस्तान के बीच गठजोड़ की ओर इशारा करते हुए इस बात को रेखांकित किया था कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है. आयरलैंड की अध्यक्षता में व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए श्रृंगला ने कहा था कि भारत ने वैश्विक परमाणु सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने का सक्रियता से समर्थन किया है और इसमें योगदान दिया है.

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इस दौरान उन्होंने कहा था कि 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय को परमाणु हथियारों, उनकी आपूर्ति प्रणाली, कलपुर्जों और संबंधित प्रौद्योगिकियों के नेटवर्कों के अवैध प्रसार पर ध्यान देने की जरूरत है.' विदेश सचिव के इस बयान को स्पष्ट तौर पर चीन और इसके सहयोगी पाकिस्तान के संदर्भ में देखा जा रहा है क्योंकि बीजिंग द्वारा इस्लामाबाद को परमाणु सामग्री निर्यात करने को लेकर चिंता जाहिर की गई है और इसे तय प्रक्रिया और अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करार दिया गया है.

अमेरिकी थिंक टैंक 'आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन' ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान के साथ चीन का परमाणु सहयोग, परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) के नियमों के खिलाफ है. श्रृंगला ने कहा, 'भारत परमाणु शस्त्र मुक्त दुनिया बनाने तथा परमाणु शस्त्रों का पूरी तरह उन्मूलन करने के लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध है जो निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले विशेष सत्र के पहले दस्तावेज द्वारा परमाणु निरस्त्रीकरण को दी गयी सर्वोच्च प्राथमिकता के संगत है.'

उन्होंने कहा कि भारत मानता है कि एक वैश्विक प्रतिबद्धता तथा सहमति वाली वैश्विक एवं भेदभाव-रहित बहुपक्षीय रूपरेखा में अंकित चरणबद्ध प्रक्रिया के माध्यम से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा में 2006 में जमा किये गये परमाणु निरस्त्रीकरण पर भारत के कार्य दस्तावेज में इसका उल्लेख है. भारत ने परमाणु सुरक्षा शिखर-सम्मेलन की प्रक्रिया में भाग लिया और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन में नियमित भाग लेता रहा है. भारत राष्ट्रीय सुरक्षा संपर्क समूह का भी सदस्य है.

(एएनआई)

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