नई दिल्ली :सरकार ने घरेलू बाजार में चीनी की उपलब्धता बनाए रखने के मकसद से इसके निर्यात पर लगी पाबंदियों को अगले साल 31 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दिया है (Restriction on export of sugar). चीनी निर्यात (sugar export) पर लगी बंदिशें इस साल 31 अक्टूबर को ही खत्म होने वाली थीं. लेकिन विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अब इसे एक साल के लिए बढ़ा दिया है.
डीजीएफटी ने शुक्रवार शाम को जारी एक अधिसूचना में इसकी जानकारी देते हुए कहा, 'कच्ची, रिफाइंड और सफेद चीनी के निर्यात पर लगी पाबंदियों को 31 अक्टूबर, 2022 से आगे 31 अक्टूबर, 2023 या फिर अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है. इससे संबंधित बाकी सारी शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी.' हालांकि सरकार ने यह साफ किया है कि ये पाबंदियां यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका को सीएक्सएल और टीआरक्यू शुल्क रियायत कोटा के तहत किए जाने वाले निर्यात पर लागू नहीं होंगी. इन दोनों बाजारों में सीएक्सएल और टीआरक्यू व्यवस्था के तहत एक तय मात्रा में चीनी निर्यात की जाती है.
एक निर्यातक को चीनी निर्यात करने के लिए सरकार से लाइसेंस यानी अनुमति की जरूरत होगी. चीनी निर्यात के प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में आती है. भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ इस साल दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भी रहा है. चीनी उद्योग मंडल इस्मा ने कहा है कि चीनी विपणन सत्र 2022-23 में देश का चीनी उत्पादन 3.65 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो एक साल पहले की अवधि की तुलना में दो प्रतिशत अधिक होगा. इथेनॉल के लिए अधिक डायवर्जन के बावजूद उत्पादन में अनुमानित वृद्धि के साथ इस्मा को इस सत्र में लगभग 90 लाख टन चीनी का निर्यात होने की उम्मीद है.