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रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर भारत ने लगाई पाबंदी

देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर भारत सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के निर्यात पर रोक लगा दी है. गौतरलब है कि पिछले कुछ दिनों से देशभर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी देखी जा रही थी. जिसके चलते सरकार ने यह अहम निर्णय लिया है.

रेमेडिसविर इंजेक्शन
रेमेडिसविर इंजेक्शन

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Published : Apr 11, 2021, 5:38 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 8:11 PM IST

नई दिल्ली : कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के कारण रेमडेसिविर की मांग बढ़ने के मद्देनजर केन्द्र ने रविवार को कहा कि वायरल रोधी इंजेक्शन और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है.

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा दवा की आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रेमडेसिविर के सभी घरेलू निर्माताओं को अपने विक्रेताओं और वितरकों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर प्रदर्शित करने की सलाह दी गई है.

औषधि निरीक्षकों और अन्य अधिकारियों को भंडार को सत्यापित करने, कदाचारों की जांच करने और इसकी जमाखोरी और कालाबाजारी को रोकने के लिए अन्य प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये गये है. राज्यों के स्वास्थ्य सचिव संबंधित राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के औषधि निरीक्षकों के साथ इसकी समीक्षा करेंगे.

मंत्रालय ने कहा कि भारत में कोविड के मामले तेजी से बढ़ रहे है. देश में 11 अप्रैल तक उपचाराधीन मरीजों की संख्या 11.08 लाख है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है. इससे कोविड मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग तेजी से बढ़ी है.

उसने कहा कि आने वाले दिनों में इसकी मांग में और बढ़ोतरी हो सकती है.

मंत्रालय ने कहा कि सात भारतीय कंपनियां मेसर्स गिलीड साइंसेज, अमेरिका, के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत इंजेक्शन का उत्पादन कर रही हैं. उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख इकाइयों को बनाने की क्षमता है.

उसने कहा कि भारत सरकार ने स्थिति में सुधार होने तक रेमडेसिविर और इसकी सक्रिय दवा सामग्री (एपीआई) के निर्यात पर स्थिति में सुधार होने तक रोक लगा दी गई है.

मंत्रालय ने कहा कि फार्मास्युटिकल विभाग दवा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए घरेलू निर्माताओं के साथ संपर्क में है.

भारत में कोरोना
देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 1,52,879 नए मामले दर्ज होने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, रविवार को मामलों की संख्या बढ़कर 1,33,58,805 पर पहुंच गई है. वहीं इसी अवधि में 839 मौतें होने के बाद मरने वालों का आंकड़ा 1,69,275 पर पहुंच गया है.

सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 11,08,087 होने के बाद भारत अब दुनिया का चौथा सबसे बुरी तरह कोरोना प्रभावित देश बन गया है. इसी बीच 90,584 मरीज ठीक भी हुए हैं, इससे अब तक बीमारी से उबरे लोगों की कुल संख्या 1,20,81,443 और रिकवरी दर 90.44 प्रतिशत हो गई है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में कुल 1,20,81,443 नमूनों का परीक्षण किया गया है. अब तक जांचे गए नमूनों की संख्या 25,66,26,850 हो गई है. वहीं पिछले 24 घंटों में 35,19,987 लोगों को टीकाकरण होने के बाद अब तक कुल 10,15,95,147 लोगों का टीकाकरण हो चुका है.

बता दें कि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, मध्य प्रदेश, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों में कोविड-19 के नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.

Last Updated : Apr 11, 2021, 8:11 PM IST

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