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भारतीय सेना का रूस-चीन और वायुसेना का US-ऑस्ट्रेलिया से होगा वार-गेम - वायु सेना का युद्धाभ्यास

भारत, चीन और अन्य देशों के साथ गुरुवार से रूस में शुरू होने वाले सप्ताह व्यापी 'वोस्तोक 2022' सैन्य अभ्यास में भाग लेगा. इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए पढ़ें, ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता संजीब कुमार बरुआ की ये रिपोर्ट...

भारतीय सेना
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Published : Aug 30, 2022, 7:16 PM IST

नई दिल्ली :'रणनीतिक स्वायत्तता' को अपना मुख्य मंत्र बनाते हुए कूटनीति में भारत आगे है. जाहिर है, भारतीय सेना भी अकल्पनीय सफलता हासिल कर रही है. गुरुवार से शुरू होने वाले वोस्तोक 2022 में भारतीय सेना के सैनिक पूर्वी रूस में मेजबान रूस और चीन सहित कई देशों के अपने समकक्षों के साथ सैन्य युद्ध का अभ्यास करेंगे. जिसमें लगभग सौ IAF जवान ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों की सेना से तालमेल स्थापित करेगी.

वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास, चीन, भारत एवं अन्य देशों के 50 हजार सैनिक लेंगे हिस्सा

रूस ने सोमवार को कहा कि 'वोस्तोक 2022 सैन्य अभ्यास' एक से सात सितंबर तक सुदूर पूर्व और जापान सागर में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया जाएगा और इसमें चीन, भारत तथा कई अन्य देशों के 50,000 से अधिक सैनिक शामिल होंगे. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से एक बयान में कहा है कि एक से सात सितंबर तक ईस्टर्न मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के सात प्रशिक्षण मैदानों पर और ओखोतस्क सागर एवं जापान सागर के समुद्री और तटीय क्षेत्रों में रक्षात्मक और आक्रामक अभियानों का अभ्यास किया जाएगा.

बयान में कहा गया है कि रणनीतिक युद्धाभ्यास 50,000 से अधिक सैनिकों और 5,000 से अधिक आयुध और सैन्य हार्डवेयर, विशेष रूप से, 140 विमान, 60 लड़ाकू जहाज, गनबोट और सहायक पोतों को एक साथ लाएगा. बयान के अनुसार, इस सैन्य अभ्यास में चीन, भारत, लाओस, मंगोलिया, निकारागुआ, सीरिया और कई पूर्व सोवियत राष्ट्रों के सैनिक भाग लेंगे. रूस में वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में भारतीय सैनिकों की भागीदारी पर नयी दिल्ली में भारतीय सेना या रक्षा मंत्रालय की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गयी.

साथ ही, जापानी संवेदनाओं को ठेस पहुंचाने से बचने के लिए भारत 'वोस्तोक 2022' के समुद्री घटक से बचने की कोशिश कर रहा है, क्योंकि अभ्यास का यह हिस्सा जापान के पड़ोसी जल क्षेत्र में होगा. 'वोस्तोक 2022' के घोषित उद्देश्यों में से एक है कि पूर्वी दिशा में और सुदूर पूर्वी समुद्री क्षेत्र में आक्रामकता के कृत्यों को पीछे हटाना, शांति बनाए रखने, हितों की रक्षा करने के उद्देश्यों के साथ संयुक्त रूप से मुकाबला करने में गठबंधन बलों की अनुकूलता और अंतःक्रियाशीलता बढ़ाना तछा पूर्वी क्षेत्र में सैन्य सुरक्षा सुनिश्चित करना.

एक रूसी रक्षा अधिकारी ने सोमवार को कहा कि वोस्तोक 2022 रणनीतिक अभ्यास के दौरान, पूर्वी सैन्य जिले में प्रशिक्षण मैदानों में संचालित इकाइयों और संरचनाओं को विशेष दिशाओं और आक्रामक उपायों में रक्षात्मक संचालन दोनों में क्षेत्र, नौसेना और हवाई कौशल में महारत हासिल होगी. रूस हर चार साल में चार प्रमुख अभ्यास करता है, एक रोटेशन के आधार पर अपने सैन्य जिलों के अनुरूप एक वर्ष में एक अभ्यास- 'वोस्तोक' (पूर्व), 'ज़ापद' (पश्चिम), 'सेंट्रे' (केंद्र) और 'कज़्काज़' (दक्षिण) .

पिच ब्लैक : प्रमुख रणनीतिक सैन्य अभ्यास

दूसरी ओर, 8 सितंबर तक, IAF के चार रूसी मूल के Su-30 MKI लड़ाकू और दो अमेरिकी मूल के C-17 परिवहन विमान और लगभग 100 वायु योद्धा 16 अन्य देशों की वायु सेना के साथ एक प्रमुख रणनीतिक सैन्य अभ्यास करेंगे. ये 'पिच ब्लैक' अभ्यास के तहत तीन सप्ताह तक चलने वाला है. ऑस्ट्रेलिया के उत्तरी क्षेत्र में रॉयल ऑस्ट्रेलियन एयर फोर्स (RAAF) द्वारा होस्ट किया जाएगा. इसमें भारत के अलावा अन्य भाग लेने वाले देश होंगे, जो 100 से अधिक विमानों और 2,500 जवान युद्धाभ्यास करेंगे. उन देशों में यूएस, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, थाईलैंड और यूके शामिल हैं, जो स्पष्ट रूप से पश्चिमी शक्ति, क्षमता और संयुक्तता का प्रदर्शन करेंगे.

दिलचस्प बात यह है कि रविवार (28 अगस्त) को अभ्यास 'वज्र प्रहार 2022' के हिस्से के रूप में, भारतीय सेना और अमेरिका के विशेष बलों ने हिमाचल प्रदेश के बकलोह में 21 दिनों तक चलने वाला एक अभ्यास पूरा किया. ये अभ्यास भारत-चीन सीमा पर हुआ, जिससे साफ पता चल रहा था कि ये चीन को परेशान करने का एक तरीका था. संयुक्त प्रशिक्षण ने दोनों देशों के विशेष बलों को हवाई अभियानों, विशेष अभियानों और आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का अवसर दिया. पहले से ही, 24 फरवरी को शुरू हुए यूक्रेन संघर्ष ने भारत के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया है, क्योंकि यह नाटो देशों के अमेरिका के नेतृत्व वाले ब्लॉक और अन्य और उभरते रूस-चीन अक्ष के बीच रस्साकशी में उलझा हुआ है.

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी और एक विशाल बाजार के साथ एक बढ़ती सैन्य शक्ति, आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि भारत 2022 में आठ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन सकता है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था 22 वर्षों में सबसे तेज गति से बढ़ी जब उसने 2021-22 में 8.7 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर्ज की थी.

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