नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव शुक्रवार को भारत-उज्बेकिस्तान आभासी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. पीएम मोदी ने राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव से चर्चा के दौरान कहा कि इस वर्ष वह उज्बेकिस्तान की यात्रा के लिए उत्सुक थे. लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी उज्बेकिस्तान यात्रा नहीं हो सकी.
वहीं, उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव ने कहा, 'मैं उम्मीद करता हूं कि आप (पीएम मोदी) अगले साल उज्बेकिस्तान की आधिकारिक यात्रा करेंगे. यह हमारे देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों के विकास में एक ऐतिहासिक घटना होगी.'
सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि उग्रवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद के बारे में हमारी एक जैसी चिंताएं हैं. हम दोनों ही आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से एक साथ खड़े हैं, क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर भी हमारा एक जैसा नजरिया है.
उन्होंने कहा कि भारत और उज्बेकिस्तान दो समृद्ध सभ्यताएं हैं, प्राचीन समय से ही निरंतर हमारे आपसी संपर्क रहे हैं. हमारे क्षेत्र की चुनौतियों और अवसर के बारे में हमारी समझ और अप्रोच में बहुत समानता है और इसलिए हमारे संबंध हमेशा से बहुत मजबूत रहे हैं.
'भारत-उज्बेकिस्तान के बीच आर्थिक साझेदारी मजबूत हुई'
मोदी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों के बीच आर्थिक साझेदारी भी मजबूत हुई है और भारत, उज्बेकिस्तान के साथ विकास की भागीदारी को भी और घनिष्ट बनाना चाहता है.