वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) से आधिकारिक वार्ता से पहले व्हाइट हाउस में स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि दोनों देशों के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं तथा दोनों (देशों) को अपनी विविधता पर गर्व है. उन्होंने कहा कि दोनों देशों का संविधान तीन शब्द 'वी द पीपल' से प्रारंभ होता है जिसका उल्लेख राष्ट्रपति बाइडन ने किया है.
अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर गए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे. व्हाइट हाउस में शानदार स्वागत के लिए बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन का आभार जताते हुए मोदी ने कहा कि यह पहला मौका है कि जब व्हाइट हाउस के द्वार इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों के लिए खोले गए. उन्होंने कहा, 'आज व्हाइट हाउस में शानदार स्वागत सम्मान एक प्रकार से 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है. यह अमेरिका में रहने वाले करीब 40 लाख भारतीय मूल के लोगों का भी सम्मान है. इसके लिए मैं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन का आभार प्रकट करता हूं.'
मोदी ने कहा कि 'हम दोनों देश अपनी विविधता पर गर्व करते हैं, हम दोनों ही सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के मूल सिद्धांत में विश्वास करते हैं.' मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के समाज और संस्थाएं लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं और दोनों देशों का संविधान तीन शब्द 'वी द पीपल' से प्रारंभ होता है जिसकी चर्चा राष्ट्रपति बाइडेन ने की है. उन्होंने कहा कि तीन दशक पहले वे एक आम व्यक्ति के रूप में अमेरिका आए थे और उस समय उन्होंने बाहर से व्हाइट हाउस को देखा था.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री बनने के बाद मैं कई बार यहां आया, लेकिन आज पहली बार व्हाइट हाउस के दरवाजे इतनी बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकी समुदाय के लोगों के लिए खुले हैं. मैं इसको लेकर काफी सम्मानित महसूस कर रहा हूं.' मोदी ने कहा कि भारतीय समुदाय के लोग अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण के जरिये अमेरिका में भारत का गौरव बढ़ा रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों देश वैश्विक अच्छाई, शांति, स्थिरता के लिए काम करेंगे और दोनों देशों के संबंध नई ऊंचाइयों को छुएंगे. उन्होंने कहा, 'हमारी मजबूत सामरिक साझेदारी लोकतंत्र की ताकत का स्पष्ट प्रमाण है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल के बाद दुनिया एक नया रूप ले रही है. इस काल में भारत और अमेरिका पूरे विश्व के सामर्थ्य को बढ़ाने में सक्षम होगी तथा दोनों देश साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.