नई दिल्ली :रूस-यूक्रेन युद्ध को करीब तीन महीने हो रहे हैं. युद्ध खत्म होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं. इस बीच भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान और 10 अन्य देशों के साथ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के यूक्रेन पर 'आक्रामकता' संबंधी प्रस्ताव पर वोटिंग से दूरी बनाए रखी. 12 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया, जबकि चीन और अफ्रीकी देश इरित्रिया ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट किया.
UNHRC के प्रस्ताव का उद्देश्य कीव, खारकीव, चेर्निहाइव और सुमी सहित यूक्रेनी शहरों में रूसी सेना द्वारा किए गए कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन की जांच करना है. अपनी तटस्थ नीति को बनाए रखते हुए नई दिल्ली ने क्रेमलिन के खिलाफ कोई स्पष्ट बयान देने से इनकार कर दिया. सत्र में बोलते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप दूत अंब आर रवींद्र (Deputy envoy to UN, Amb R Ravindra) ने यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति और बच्चों पर इस युद्ध के प्रभाव पर गहरी चिंता व्यक्त की.