लंदन:भारत को ओवल में साल 1971 में ऐतिहासिक जीत मिली थी. इसके साथ ही उसने पहली बार इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीती थी. हालांकि, इसके अलावा उसके पास और कोई उम्मीद नहीं है. भारत ने यहां 13 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से पांच में उसे हार मिली है और सात मुकाबले ड्रॉ रहे हैं.
द ओवल की पिच इंग्लैंड में बल्लेबाजी के लिए सर्वश्रेष्ठ है और यह भारतीय बल्लेबाजों के लिए राहत की खबर है, जो इस सीरीज में रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. भारत के शीर्ष तीन बल्लेबाजों ने किसी तरह कुछ रन बनाने में सफलता प्राप्त की है. हालांकि, नंबर-4, 5 और छह के बल्लेबाज लगातार निराश कर रहे हैं.
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कप्तान कोहली जो नंबर-4 पर बल्लेबाजी करते हैं, वह रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. जबकि नंबर-5 पर अजिंक्य रहाणे और नंबर-6 पर ऋषभ पंत की हालत भी कुछ ऐसी ही है. भारतीय टीम मैनजमेंट, जो पांच गेंदबाज खेलाने का मन रखता है, वो शायद बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिए गेंदबाजी ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर को इशांत शर्मा की जगह ला सकता है.
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रवींद्र जडेजा की फिटनेस को लेकर भी कुछ चिंताएं हैं, टीम मैनेजमेंट उनकी जगह रविचंद्रन अश्विन को ला सकता है. अश्विन को एकादश में शामिल करने के लिए टीम पर दबाव भी है. इंग्लैंड को भी एकादश में बदलाव करना पड़ेगा, क्योंकि जोस बटलर बाहर हो चुके हैं, जिसके बाद विकेटकीपिंग का जिम्मा जॉनी बेयरस्टो संभालेंगे. मोइन अली को उपकप्तान बनाया गया है.