वाशिंगटन डीसी : अमेरिका के दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में हिस्सा लिया. पीएम मोदी ने गुरुवार को पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के डीएनए में लोकतंत्र है. मोदी ने कहा कि भारत में जाति, पंथ या धर्म के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास' के मंत्र पर काम करती है.
पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र भारत की आत्मा है. यहां के लोगों की रगों में है. वे अपने दैनिक जीवन में लोकतंत्र को जीते हैं. उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका एक लोकतंत्र है. जैसा कि राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है. इसलिए जाति, पंथ या धर्म के आधार पर भेदभाव का कोई सवाल ही नहीं है. जब पीएम मोदी से पूछा गया कि सरकार देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार के लिए क्या कदम उठाने को तैयार है. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार बुनियादी लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर बने संविधान के अनुसार काम करती है.
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार संविधान के अनुसार काम करती है. हमने साबित कर दिया है कि लोकतंत्र नागरिकों का उद्धार कर सकता है. उन्होंने कहा कि जब मैं कहता हूं कि लोकतंत्र कुछ कर सकता है, तो जाति, पंथ, धर्म, लिंग के आधार पर भेदभाव की कोई गुंजाइश नहीं है. जब हम लोकतंत्र की बात करते हैं, अगर इसमें कोई मानवीय मूल्य नहीं हैं, कोई मानवता नहीं है, कोई मानवाधिकार नहीं है, तो यह लोकतंत्र नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनायें सभी के लिए हैं. इसमें किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं है.
पर्यावरण संरक्षण से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है, पर्यावरण और जलवायु का 'हमारी संस्कृति और परंपरा में एक आवश्यक स्थान है'. प्रधान मंत्री ने कहा कि भारत दुनिया का एकमात्र जी20 देश है जिसने पेरिस में पर्यावरण की रक्षा के लिए किया गया अपना वादा निभाया है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण हमारे लिए आस्था का विषय है. हम प्रकृति के दोहन में विश्वास नहीं करते हैं. भारत न केवल अपने पर्यावरण की रक्षा के लिए काम करता है बल्कि दुनिया की रक्षा के लिए भी काम करता है. हम इसके लिए वैश्विक पहल कर रहे हैं.
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