नई दिल्ली : कांग्रेस ने रविवार को कहा कि भारत हमेशा गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) जैसे मंचों के माध्यम से विकासशील देशों की आवाज रहा है और सरकार जी20 के नेतृत्व को लेकर थोड़ा अतिरंजित हो गई है क्योंकि ग्लोबल साउथ की अवधारणा पुरानी है. इस बारे में कांग्रेस नेता सलमान सोज (Congress leaders Salman Soz) ने कहा कि मुझे लगता है कि एक मामले में सरकार जी20 नेतृत्व को उससे भी अधिक शक्तिशाली बनाने की कोशिश में आगे बढ़ गई है. पिछले साल इंडोनेशिया जी20 का नेता था और अगले साल ब्राजील इसकी कमान संभालेगा. क्या इसका मतलब यह है कि इंडोनेशिया और ब्राजील भारत के समान हैं? अतीत में, अमेरिका और कनाडा ने समूह का नेतृत्व किया है और भविष्य में चीन इस पर कब्ज़ा जमा सकता है क्योंकि यह अध्यक्ष का पद का रोटेशन होता है.
उन्होंने ग्लोबल साउथ को लेकर कहा कि मूल रूप से इसमें एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील देश हैं. वहीं भारत हमेशा एनएएम का नेता रहा है जिसने विकासशील देशों की आवाज़ उठाई है. कांग्रेस नेता के अनुसार भारत वास्तव में तथाकथित ग्लोबल साउथ में दो मुख्य प्लेयर में से एक है, दूसरा चीन है. लेकिन कोई भी विकासशील देशों की आवाज बनने के भारत के अधिकार को नहीं छीन सकता है.
चीन के अफ्रीकी देशों और लैटिन अमेरिका के साथ गहरे संबंध हैं. लेकिन भारत जो कहेगा उस पर सहमत होना इन देशों के लिए आसान नहीं होगा क्योंकि तथाकथित ग्लोबल साउथ के देशों के साथ चीन के रिश्ते तल्ख हैं. हालांकि, विकासशील विश्व में भारत का अपना स्थान और कद है. वास्तव में भारत की किसी बात पर सहमति के बिना कुछ नहीं हो सकता. भारत ऐसे किसी भी मंच पर अपनी बात मनवा सकता है और जोरदार आवाज उठाएगा जहां विकासशील देशों के अधिकार शामिल हों. यहां तक कि चीन भी उसे छीन नहीं सकता. भारत एक प्रमुख एशियाई शक्ति है और रहेगा.