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भारत में प्रति माह कोविड वैरिएंट की 80,000 जीनोम सीक्वेंसिंग करने का लक्ष्य

पूरे भारत में Covid19 वैरिएंट का पता लगाने के लिए प्रति माह 80,000 से अधिक जीनोम सीक्वेंसिंग करने के उद्देश्य से, जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने इस मिशन में अधिक से अधिक निजी क्षेत्र के लोगों को शामिल करने का निर्णय लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 11, 2021, 4:40 PM IST

नई दिल्ली :पूरे भारत में Covid-19 वैरिएंट का पता लगाने के लिए प्रति माह 80,000 से अधिक जीनोम सीक्वेंसिंग करने के उद्देश्य से, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology - DBT) ने इस मिशन में अधिक से अधिक निजी क्षेत्र के लोगों को शामिल करने का निर्णय लिया है. सीक्वेंसिंग प्रयासों को बढ़ाने के लिए विभाग पहले से ही कुछ प्रमुख निजी प्लेयर्स के साथ बैठक कर रहा है.

विभाग ने कहा, सीक्वेंसिंग के प्रयासों को बढ़ाने और एक महीने में लगभग 80,000 नमूनों को अनुक्रमित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है, ताकि भारतीय नमूनों में 'Variants of Interest' (VoI) और 'Variants of concern' (VoC) की पहचान की जा सके. जिससे नीति निर्माताओं को कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए सलाह दी जा सकेगी.

पढ़ें :जीनोम सीक्वेंसिंग लैब : देखिए कैसे होगी कोरोना वेरिएंट्स की पहचान, क्या होगी प्रक्रिया

जीनोमिक अनुक्रमण पर हाल की बैठक में भाग लेने वाले कुछ प्रमुख निजी प्लेयर्स में नई दिल्ली स्थित महाजन इमेजिंग प्राइवेट लिमिटेड (Mahajan Imaging private limited), बेंगलुरु स्थित स्ट्रैंड्स लाइफ साइंसेज (Bengaluru based strands life sciences), गुड़गांव स्थित एनएमसी जेनेटिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Gurgaon based NMC genetics India private limited) शामिल हैं.

इसके लिए, एक SOP भी तैयार किया गया था, जिसका जीनोमिक सीक्वेंसिंग में शामिल प्लेयर्स द्वारा पालन किए जाने की आवश्यकता है.

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