दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

भारत-अफ्रीका को अनिश्चित विश्व में उत्तरदायी होना चाहिए : जयशंकर

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफ्रीकी महादेश के साथ भारत के संबंधों के मूल में विकास आधारित गठजोड़ और क्षमता निर्माण हैं और यह समानता के आधार पर विकास करने की नई दिल्ली की इच्छा को साझा करता है. विस्तार से जानने के लिए पढ़ें ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता चंद्रकला चौधरी की रिपोर्ट...

जयशंकर
जयशंकर

By

Published : May 17, 2022, 7:34 PM IST

नई दिल्ली : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि 'बदलते एवं अनिश्चित' विश्व में भारत और अफ्रीका को उत्तरदायी होना चाहिए. कोविड-19 महामारी एवं यूक्रेन संघर्ष के प्रभावों से महत्वपूर्ण सबक सीखे जा सकते हैं. वह यहां पूर्व राजनयिक राजीव भटिया की पुस्तक 'भारत अफ्रीका संबंध : बदलते क्षितिज' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जयशंकर ने कहा कि अफ्रीकी महादेश के साथ भारत के संबंधों के मूल में विकास आधारित गठजोड़ और क्षमता निर्माण हैं और यह समानता के आधार पर विकास करने की नई दिल्ली की इच्छा को साझा करता है. भारतीय और अफ्रीकी समाज में कट्टरपंथ और आतंकवाद के खतरों के विस्तार को लेकर काफी सजग है और दोनों पक्ष इन चुनौतियों से निपटने के लिये सहयोग कर रहे हैं.

विदेश मंत्री ने कहा कि आज, हमारे संबंध इस बदलते एवं अनिश्चित विश्व को लेकर उत्तरदायी होने चाहिए जिसका हम सामना कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि महामारी की बाधा से महत्वपूर्ण सबक सीखे जाने हैं. यूक्रेन संघर्ष के प्रभावों से उत्पन्न तनाव से जुड़ा विषय भी प्रासंगिक है. अफ्रीकी महादेश के साथ विकास आधारित गठजोड़ को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आधारभूत ढांचा को लेकर हमने जो काम किया है, उसको लेकर हमें गर्व है.

जयशंकर ने कहा कि आज की तिथि तक भारत ने अफ्रीका में 189 परियोजनाएं पूरी की है जिसमें से 76 कार्यान्वयन के स्तर पर हैं और 68 कार्यान्वयन पूर्व स्तर पर हैं. ऋण सुविधा वित्त पोषण के स्तर पर 41 देशों को 12 अरब डालर से अधिक का आवंटन किया गया है. विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे संबंधों में न केवल नयी सोच एवं ऊर्जा डाली है बल्कि इसको लेकर अधिक ध्यान, संसाधन एवं क्षमता को केंद्रित किया है. भारत-अफ्रीका कारोबार संबंधों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में भी उत्साहवर्द्धक प्रगति हुई है.

जयशंकर ने दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया, खास तौर पर नौवहन सुरक्षा के क्षेत्र में. उन्होंने कहा, 'हमारी निकटता को देखते हुए यह स्वाभाविक है कि हमारा सहयोग रक्षा एवं नौवहन के क्षेत्र में बढ़े. भारत, नाइजीरिया, इथोपिया और तंजानिया में रक्षा संस्थानों से जुड़ा हुआ है.' उन्होंने कहा, 'हमारे सैन्य प्रशिक्षण दलों ने बोत्सवाना, लेसोथो, जाम्बिया, युगांडा, नामीबिया, तंजानिया, मॉरीशस और सेशेल्स में अपने समकक्षों के साथ काम किया है.'

ABOUT THE AUTHOR

...view details