नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने जी20 की अध्यक्षता के दौरान बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने, वैश्विक दक्षिण की आवाज को बुलंद करने, विकास का समर्थन करने के साथ हर जगह महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए लड़ाई लड़कर असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं.
ब्राजील के एक दिसंबर से जी20 की अध्यक्षता संभालने से पहले मोदी ने भारत की अध्यक्षता के तहत इस विशिष्ट समूह की यात्रा को रेखांकित किया. विश्वास जताया कि उनका देश इस विश्वास के साथ यह जिम्मेदारी सौंपेगा कि लोगों, धरती, शांति और समृद्धि के लिए हमारे सामूहिक कदम आने वाले वर्षों तक गूंजते रहेंगे.
भारत को जी20 की अध्यक्षता मिले 365 दिन होने का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक परिदृश्य बहुआयामी चुनौतियों से जूझ रहा है जिनमें कोविड-19 महामारी से उबरना, जलवायु संबंधी खतरे, वित्तीय अस्थिरता और विकासशील देशों में ऋण संकट शामिल हैं.
भारत की ओर से ब्राजील को कमान सौंपे जाने के मौके पर उन्होंने कहा कि यह 'वसुधैव कुटुम्बकम' ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना को प्रतिबिंबित करने, पुन: प्रतिबद्ध करने और पुनर्जीवित करने का क्षण है. उन्होंने पिछले साल जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के समय को याद करते हुए कहा कि संघर्षों और प्रतिस्पर्धा के बीच विकास सहयोग प्रभावित हुआ जिससे प्रगति बाधित हुई.
उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता संभालते हुए भारत ने दुनिया को यथास्थिति का विकल्प देने की कोशिश की, जो जीडीपी-केंद्रित से मानव-केंद्रित प्रगति की ओर एक बदलाव है. भारत का उद्देश्य दुनिया को यह याद दिलाना है कि हमें क्या एकजुट करता है, बजाय इसके कि हमें क्या विभाजित करता है.
मोदी ने कहा कि भारत की ओर से दो संस्करणों में आयोजित अपनी तरह के पहले 'वॉयस ऑफ द ग्लोबल साउथ समिट' ने बहुपक्षवाद के लिए एक नई सुबह की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि भारत ने अंतरराष्ट्रीय संवाद में 'ग्लोबल साउथ' की चिंताओं को मुख्यधारा में लाया है और एक ऐसे युग की शुरुआत की है जहां विकासशील देश वैश्विक विमर्श को आकार देने में अपना योगदान दे सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि जी20 के प्रति भारत का घरेलू रुख भी समावेश से भरा हुआ है, जिससे यह आम जन का आयोजन बन गया.