हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मां के साथ अस्पताल में अभद्र व्यवहार मामले में कमेटी गठित. हमीरपुर: हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की माता संसारो देवी से अस्पताल में अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया है. जिसपर अब जांच कमेटी भी गठित कर दी गई है. ये पूरा मामला करीब 20 दिन बाद तब सामने आया है जब आरोपी डॉक्टर की ओर से स्वास्थ्य विभाग को अपना जवाब भेजा गया है और मामले की जांच के लिए सीएमओ ने जांच कमेटी बना दी है.
मामला क्या है?- बताया जा रहा है कि 9 अप्रैल को सीएम सुक्खू की मां संसारो देवी पेट दर्द की शिकायत के बाद नादौन सिविल अस्पताल पहुंची थी. वो अपने दो परिजनों के साथ डॉक्टर से दवा लेने पहुंची थी. आरोप है कि इसी दौरान वहां मौजूद डॉक्टर ने अभद्र व्यवहार किया.
मुख्यमंत्री तक पहुंची बात-दरअसल इस घटना के एक दिन बाद ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू हमीरपुर जिले के 3 दिवसीय दौरे पर आने वाले थे. सुखविंदर सुक्खू नादौन विधानसभा सीट से ही विधायक हैं. 10 अप्रैल को मुख्यमंत्री हमीरपुर पहुंचे तो उन्होंने सीएमओ से इस मामले के बारे में पूछ लिया. जिसके बाद सीएमओ ने आरोपी डॉक्टर से जवाब तलब कर लिया. जिसके बाद डॉक्टर की ओर से कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया गया है.
हिमाचल के मुख्यमंत्री की मां के साथ अस्पताल में अभद्र व्यवहार. डॉक्टर ने क्या जवाब दिया है-आरोपी डॉक्टर ने अपने जवाब में बताया है कि उन्होंने सिर्फ मरीज के साथ आए परिजनों को मास्क पहनने के लिए कहा था. डॉक्टर के मुताबिक उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि बुजुर्ग महिला मुख्यमंत्री की मां है लेकिन इलाज के बाद उन्हें दवाएं भी उपलब्ध करवाई गई. जैसा कि ओपीडी में आने वाले मरीजों के साथ होता है.
सीएमओ ने बनाई जांच कमेटी- इस पूरे मामले में डॉक्टर का जवाब आने के बाद सीएमओ डॉ. आरके अग्निहोत्री ने एक 3 सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर दी है. जिसकी अगुवाई बीएमओ करेंगे और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेंगे. सीएमओ आरके अग्निहोत्री मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्निहोत्री ने बताया कि डॉक्टर के जवाब के बाद विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं और एक कमेटी मामले की जांच करके रिपोर्ट सौंपेगी. अब तक हुई जांच में पता चला है कि सीएम की मां के साथ पहुंचे परिजन बिना मास्क के अस्पताल में पहुंच गए थे, जिसपर डॉक्टर ने आपत्ति जताई और इसे लकर डॉक्टर की उनसे बहस हुई. सीएमओ ने बताया कि इस मामले में जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. लेकिन उससे पहले सभी पक्ष जानने होंगे. इस जांच का मकसद अस्पतालों में मरीजों और उनके परिजनों से उचित व्यवहार सुनिश्चित करना है. ये कदम इसलिये उठाए जा रहे हैं ताकि ऐसे मामले सामने ना आए.
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