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Chardham Yatra: हेली सेवा के नाम जानिए कैसे हो रही ठगी, आप भी हो सकते हैं फर्जीवाड़े का शिकार

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Published : May 19, 2022, 10:26 PM IST

चारधाम हेली सेवा के नाम पर अभी तक 28 से अधिक धोखाधड़ी के मामले सामने आ चुके हैं. इतना ही नहीं GMVN की फर्जी वेबसाइट बनाकर ईस्टर्न इंडिया के इंटीरियर क्षेत्रों से गिरोह को ऑपरेट किया जा रहा है. मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड एसटीएफ को इन ठगों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

Chardham Yatra
उत्तराखंड चारधाम यात्रा

देहरादून:उत्तराखंड चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra) के लिए हेलीकॉप्टर सेवा के नाम पर धोखाधड़ी (fraud in the name of helicopter service) के मामले थमने का नाम ले रहे हैं. गढ़वाल मंडल विकास निगम की फर्जी वेबसाइट (Fake website of Garhwal Mandal Vikas Nigam) पर अभी तक हेली सेवा फ्रॉड की 28 से अधिक शिकायतें सामने आ चुकी है. इनमें से दो मामलों में देहरादून साइबर पुलिस ने एफआरआई दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी है.

साइबर पुलिस के अनुसार, फर्जी वेबसाइट को गूगल और याहू जैसे सर्च इंजन में उपलब्ध करा हेली सेवा के नाम पर ऑनलाइन बुकिंग कर फ्रॉड किया जा रहा है. इस फर्जी बेवसाइट को पश्चिम बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, बिहार और भरतपुर से अज्ञात साइबर गिरोह द्वारा संचालित किया जा रहा है. जिसको ट्रैक करना काफी चुनौतीपूर्ण है.

हेली सेवा के नाम जानिए कैसे हो रही ठगी

वहीं, हेली सेवा फ्रॉड के बढ़ते मामले पर अंकुश लगाने के लिए उत्तराखंड STF इस गैंग की तलाश करने में जुटी हैं. उत्तराखंड एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह (Uttarakhand STF SSP Ajay Singh) ने कहा कि चारधाम यात्रा सहित देश के अन्य धार्मिक यात्राओं में हेली सेवा धोखाधड़ी करने वाले गिरोह देश के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों से ऑपरेट हो रहे हैं. जागरूकता की कमी से धार्मिक हेली सेवा यात्रा के लिए काफी संख्या में लोग इंटरनेट या अन्य सर्च इंजन पर जाकर फर्जी वेबसाइट के झांसे में फंस रहे हैं.

इन फेक वेबसाइटों को साइबर क्रिमिनलों द्वारा बूस्ट कर इंटरनेट पर आगे डलवाया गया है. इतना ही नहीं इन फर्जी वेबसाइट में ऐसे भी लोग फंस रहे, जिनको गढ़वाल मंडल विकास निगम की वास्तविक वेबसाइट से ऑनलाइन हेली सेवा की बुकिंग नहीं मिल रही है. ऐसे में वह लोगों को हेली सेवा टिकट उपलब्ध कराने का झांसा देकर लाखों रुपए ठगे जा रहे हैं.

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STF एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि हेली सेवा फ्रॉड पीड़ित कई लोगों ने लिखित में शिकायत अब तक दर्ज नहीं कराई है, लेकिन इसके बावजूद एसटीएफ की कई टीमें लगाई गई हैं, जो देश के दूरस्थ हिस्से जहां से साइबर फ्रॉड हो रहे हैं, उनकी धरपकड़ में जुटी है.

एसटीएफ एसएसपी ने कहा कि ठगी से बचने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है. हेली सेवा के नाम ठगी से बचने के लिए फर्जी वेबसाइट या अज्ञात मोबाइल फोन नंबर सहित लिंक वाले ऐप से बचें. क्योंकि इस तरह के प्लेटफार्म से ही अधिकांश ऑनलाइन हेली सेवा टिकट उपलब्ध कराने का लालच देकर धोखाधड़ी की जा रही है. ऐसे में हेली सेवा की वास्तविक वेबसाइट के बारे में जानकारी जुटाना ही बचाव का तरीका है.

यह सारा फर्जीवाड़ा उत्तराखंड से नहीं बल्कि, भरतपुर, उड़ीसा, जामताड़ा, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे स्थानों से ऑपरेट हो रहा है. वहीं, जांच में यह बात सामने आई है जो मोबाइल सिम साइबर क्रिमिनलों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं. वह ग्रामीण इलाकों में गरीब लोगों के नाम पर है. ताकि साइबर पुलिस को गुमराह किया जा सके.

गढ़वाल मंडल विकास निगम (Garhwal Mandal Vikas Nigam) की अधिकारिक वेबसाइट, जिसमें हेली सेवा के लिए ऑनलाइन बुकिंग की जाती है. उस वेबसाइट का प्रचार-प्रसार बेहद कम स्तर पर देशभर में हो रहा है. जिसका फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल गैंग गढ़वाल मंडल विकास निगम की फर्जी वेबसाइट बनाकर देशभर के लोगों से ठगी कर रहे हैं.

पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार (DGP Ashok Kumar) ने कहा कि विगत वर्षों में हेली सेवा की ब्लैक टिकट मार्केटिंग (black ticket marketing of heli service) की शिकायतें ज्यादा आती थी. जिस पर पुलिस ने शिकंजा कसते हुए काफी हद तक उसे खत्म कर दिया है, लेकिन अब फर्जी वेबसाइट तैयार कर हेली सेवा ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी का मामला लगातार बढ़ रहा है. इनमें कई लिखित शिकायतों पर मुकदमे दर्ज कर कार्रवाई प्रचलित है.

डीजीपी ने कहा प्रारंभिक जांच में पता चला है कि धार्मिक हेली सेवा बुकिंग के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला साइबर गिरोह ईस्टर्न इंडिया के इंटीरियर इलाकों से ऑपरेटर हो रहा हैं. स्पेशल टास्क फोर्स को इस गिरोह को सलाखों के पीछे भेजने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है. उम्मीद है कि जल्दी इस तरह के गिरोह पर शिकंजा कसा जा सकेगा.

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