नई दिल्ली: गृह मंत्रालय (एमएचए) बुधवार को नई दिल्ली में 18 कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते की समीक्षा कर रहा है. इसे लेकर प्रसिद्ध सुरक्षा विशेषज्ञ ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बीके खन्ना ने कहा है कि एसओओ समझौते को बढ़ाया जाना चाहिए और इसके अलावा मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करने की तत्काल आवश्यकता है. खन्ना ने ईटीवी भारत से कहा कि मणिपुर की कानून-व्यवस्था की स्थिति राज्य सरकार के नियंत्रण से बाहर हो गई है.
उन्होंने कहा कि राज्य में जारी हिंसा पहले ही मणिपुर सीमा पार कर मिजोरम और नागालैंड तक पहुंच चुकी है. अब समय आ गया है, भारत सरकार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाना चाहिए. ब्रिगेडियर खन्ना उस रिपोर्ट का जिक्र कर रहे थे, जिसमें मिज़ोरम में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को मिज़ो समूहों ने अपनी सुरक्षा के लिए राज्य छोड़ने के लिए कहा है. हालांकि, मिजोरम सरकार ने मैतेई समुदाय को राज्य में सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन दिया.
ब्रिगेडियर खन्ना इससे पहले मणिपुर, नागालैंड और मिजोरम में काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि विभिन्न कुकी उग्रवादियों के साथ ऑपरेशन को निलंबित करने से कम से कम संगठन युद्धविराम के जमीनी नियमों तक ही सीमित रहेंगे. खन्ना ने कहा कि दोनों पक्ष (कुकिस और मेइतीस) राज्य में चल रही जातीय हिंसा के पीड़ित हैं. हालांकि, मणिपुर स्थित नागरिक समाज संगठन-समन्वय समिति ऑन मणिपुर इंटीग्रिटी (COCOMI) ने गृह मंत्रालय से कुकी उग्रवादी संगठनों के साथ ऑपरेशन के निलंबन को रद्द करने की मांग की है.