शिमला : हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में बीते दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है. बारिश के चलते जगह-जगह भूस्खलन और पेड़ों के गिरने का सिलसिला जारी है. सोमवार सुबह भी शिमला-कुसुम्पटी के मैहली-शोघी बाईपास रोड पर ब्योलिया में भूस्खलन हुआ. जहां, एक घर की दीवार ढह गई और मलबा सड़क पर आ गिरा.
दीवार के गिरने के बाद आसपास के घरों को भी खतरा पैदा हो गया है. गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी भी तरह का कोई जानी नुकसान नहीं हुआ. हालांकि, अगर मलबा नीचे साथ लगते घरों पर पड़ता तो काफी नुकसान हो सकता था. फिलहाल, सड़क से मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में भूस्खलन के कारण लगभग 22 लिंक सड़कें और तीन राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हुए हैं.
किन्नौर जिले में भी भारी बारिश की वजह से टापरी के करीब पागल नाला में भारी मलबा गिरने की वजह से नेशनल हाईवे-5 पर वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है. नाले में मलबा गिरने की वजह से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
सोमवार को बारिश की वजह से उरणी ब्रिज, निगुलसारी समीप भी पहाड़ियों से दोबारा भूस्खलन हुआ है, जिससे जिले में नेशनल हाईवे जगह-जगह पर बंद हो गया है. डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने लोगों को फिलहाल मौसम के अनुकूल होने तक सफर न करने की सलाह दी है.
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बता दें कि, शिमला में रविवार को भी कई जगहों से भूस्खलन होने और पेड़ों के गिरने की घटनाएं सामने आई थीं. रविवार की सुबह शिमला से करीब 14 किलोमीटर दूर बनुटी से पहल जाने वाले मार्ग पर जनोल के समीप भी भूस्खलन हुआ था. पत्थर और मलबा गिरने की वजह से मार्ग अवरुद्ध हो गया था. वहीं, मौसम विभाग ने आगामी 4 दिन मौसम खराब बने रहने की संभावना जताई है.