गुवाहाटी: पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में लगातार चार दिन से जारी मूसलाधार बारिश के कारण शुक्रवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर रही, जिसके चलते कई प्रमुख नदियां उफान पर हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार बारिश और बाढ़ के कारण राज्य के 25 जिलों में 11 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी हालात कुछ अलग नहीं है, जहां भूस्खलन के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं और गावों में पानी भर गया है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि आज सुबह 6 बजे पीएम मोदी ने मुझे असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया. इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त करते हुए, पीएम ने केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया. उनकी आश्वस्त उदारता से विनम्र हूं.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को कहा कि मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में सोहरा (पूर्व में चेरापूंजी) में शुक्रवार सुबह 8:30 बजे से पिछले 24 घंटों में 972 मि.मी. बारिश हुई, जो जून के महीने में 1995 के बाद से सबसे अधिक है. असम के सोनितपुर जिले में जिया भोरोली नदी में चार लोगों को ले जा रही एक नौका पलट गई, जिसमें एक व्यक्ति लापता हो गया. जिले के एक अधिकारी ने बताया कि तीन लोगों को बचा लिया गया, लेकिन चौथे व्यक्ति का पता नहीं चल सका है. गुवाहाटी के कई इलाकों और दीमा-हसाओ, गोलपारा, होजई, कामरूप और कामरूप (एम) के कुछ हिस्सों में ताजा भूस्खलन की सूचना मिली है.
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असम में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या दो बच्चों की मौत के बाद गुरुवार को बढ़कर 46 हो गई. केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने दिन में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा से बात कर राज्य में बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर चर्चा की. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को मौजूदा स्थिति से अवगत कराया और बताया कि कैसे विभिन्न विभाग प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए चौबीस घंटे काम कर रहे हैं.