नई दिल्ली :केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) टर्म-1 की परीक्षा चल रही है. वहीं 12वीं क्लास सोशियोलॉजी विषय की परीक्षा में एक प्रश्न बोर्ड के गले की हड्डी बन गया. इस प्रश्न को लेकर बोर्ड को सफाई भी देनी पड़ी, लेकिन यह केवल प्रश्न ही मात्र नहीं, बल्कि छात्रों को सोशियोलॉजी की किताब के चैप्टर में सांप्रदायिक दंगा के तौर पर पढ़ाया भी जा रहा है.
सीबीएसई ने कहा कि पेपर सेट करने वालों के लिए सीबीएसई के दिशानिर्देश स्पष्ट रूप से कहते हैं कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रश्न केवल अकादमिक उन्मुख होने चाहिए और वर्ग-धर्म-तटस्थ होने चाहिए तथा ऐसे विषयों को नहीं छूना चाहिए जो सामाजिक और राजनीतिक पसंद के आधार पर लोगों की भावनाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
बता दें कि 12वीं क्लास के सोशियोलॉजी की किताब में चैप्टर नंबर छह में 'सांस्कृतिक विविधता की चुनौतियां' शीर्षक नाम के चैप्टर में संप्रदायिक दंगा के बारे में बताते हुए लिखा हुआ है कि दिल्ली में 1984 के सिख-विरोधी दंगे कांग्रेस के राज में हुए और वर्ष 2002 में गुजरात में मुसलमान विरोधी हिंसा (anti-Muslim violence in Gujarat in 2002) का अभूतपूर्व पैमाने पर व्यापक दौर भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में चला. मालूम हो कि यह बात 12वीं क्लास की एनसीईआरटी की किताब में लिखी गई हुई है.