गिरिडीह: जिहाद के नाम पर युवाओं को बहकाकर पाकिस्तान भेजने की फिराक में लगे जिस इनामुल हक को उत्तर प्रदेश आतंकवादी निरोधक दस्ता (UP ATS ) ने गिरफ्तार किया है, वह झारखंड के गिरिडीह जिले का रहने वाला है. सोमवार को जब इस पूरे मामले की जानकारी यूपी एटीएस ने दी तो इस खबर से गिरिडीह के लोगों के साथ साथ इनामुल के गांव के लोग भी आवाक रह गए. इनामुल के घरवालों को यह विश्वास ही नहीं हो रहा था कि इनामुल ऐसा कर सकता है.
जमुआ के काजी मगहा में पढ़ाई के बाद गया था देवबंद: मंगलवार को 'ईटीवी भारत' ने आरोपी इनामुल के परिजनों से बात की. इनामुल की मां फिरोजा खातून ने बताया कि दो तीन दिन पहले उसकी बात हुई थी, उसके बाद बात नहीं हुई. यह भी बताया कि लॉकडाउन में इनामुल यहां आया था. फिरोजा का कहना है कि उसका बेटा इस तरह का काम नहीं कर सकता. वहीं इनामुल के पिता इम्तियाज का कहना है कि उसके पुत्र को फंसाया जा रहा है.
इम्तियाज ने बताया कि उसके पुत्र ने आरंभिक पढ़ाई गांव के हिंदी मीडियम स्कूल से ही की थी. यहां के बाद वह जमुआ के काजी मगहा पढ़ने चला गया. यहां तीन साल मदरसा में पढ़ने के बाद उर्दू बोर्ड से परीक्षा दिया. इसके बाद देवबंद चला गया. उन्होंने बताया की इनामुल की पढ़ाई का पैसा यहीं से भेजा जाता था. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए. हालांकि इस दौरान इम्तियाज ने यूपी सरकार पर भी सवाल उठाया.
पांच भाइयों में चौथे नंबर पर है इनामुल: आरोपी इनामुल के परिजनों ने बताया की पांच भाइयों में इनामुल चौथे नंबर पर है. बड़ा भाई सरताज बेंगलुरु के एक होटल में काम करता है, दूसरा भाई आफताब रायपुर के एक होटल में काम करता है, तीसरा भाई अल्ताफ हैदराबाद के एक होटल में काम करता है, चौथा खुद इनामुल है. छोटा भाई मो. कैफ है जो गावां में पढ़ाई कर रहा है.