नई दिल्ली :पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि राज्य में रामनवमी के दिन अलग-अलग जिलों में लगभग 200 यात्राएं निकाली गईं लेकिन कहीं हिंसा नहीं हुई सिर्फ एक ही जगह हावड़ा में हिंसा हुई. उसकी वजह पता करने के लिए राज्य सरकार उसकी जांच करवा रही है, लेकिन दंगाइयों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा. उक्त बातें तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और टीएमसी के विधायक विवेक गुप्ता (Vivek Gupta) ने ईटीवी भारत से बातचीत में कही.
जोड़ासांकों से विधायक विवेक गुप्ता ने कहा कि उनका विधानसभा क्षेत्र कोलकाता के बीचो बीच में है. उन्होंने कहा कि उनके क्षेत्र में रामनवमीं के दिन बहुत बड़ा जुलूस निकाला गया था जिसमें मुसलमान भाई भी शामिल हुए थे. गुप्ता ने कहा कि सुंदरवन से लेकर बालूरघाट तक आसनसोल और सारे सुदूर इलाकों में यात्राएं निकाली गईं, लेकिन हिंसा सिर्फ हावड़ा के ही उस इलाके में हुई जहां पर पिछले साल भी हिंसा हुई थी. उन्होंने सवाल किया कि आखिर उसकी वजह क्या है, इस बात पर गौर करना होगा. यह क्यों नहीं दिखाया है कि किस तरह से जो लोग यात्रा से पहले वहां पर जुलूस निकालने वालों से गले मिल रहे थे वही दूसरे राज्यों में पकड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि बंगाल के लोग शांतिप्रिय हैं और कला और संस्कृति से महत्व रखते हैं. हिंसा पर हमारा विश्वास नहीं है हो सकता है कि दूसरे राज्यों से आकर लोग पश्चिम बंगाल में हिंसा फैला रहे हैं.
टीएमसी के प्रवक्ता ने यह भी आरोप लगाया कि रामनवमी के दिन लगभग 11 राज्यों में हिंसा हुई तो क्या ममता दीदी की वजह से सभी राज्यों में हिंसा हुई. उन्होंने कहा कि भाजपा के टीएमसी पर लगाए गए तुष्टिकरण की राजनीति के आरोपों पर तृणमूल के प्रवक्ता ने कहा कि यदि हम राम यात्रा निकालकर तुष्टिकरण की राजनीति कर रहे हैं तो हम किसकी तुष्टीकरण कर रहे हैं, यह बात भाजपा को बताना चाहिए. उन्होंने कहा कि जहां तक बंगाल की बात है बंगाल में ममता दीदी के शासनकाल में बंगाल बहुत तरक्की कर रहा है और पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह भाजपा को शिकस्त मिली है उसका दर्द वह भुला नहीं पा रही. यही वजह है कि वह नित्य नए-नए आरोप पश्चिम बंगाल और शासन पर लगा रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के पास ना तो बंगाल में मुद्दे हैं, ना ही कोई लीडर है, इसीलिए भाजपा की हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली है.