लखनऊः यूपी एटीएस ने गुरुवार को धर्मांतरण गैंग के सरगना उमर गौतम समेत छह के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है. एटीएस ने आरोप पत्र में कहा है कि देश की धर्म निरपेक्षता और जनसंख्या संतुलन को बिगाड़ने के लिए बड़े पैमाने पर धर्मांतरण करवाया जा रहा था. इसके लिए दुनिया के कई देशों से फंडिंग हो रही थी. आरोप पत्र में एटीएस ने धर्मांतरण के इस गिरोह द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर लोगों, दिव्यांगजनों विशेषकर मूक-बधिर लोगों को बहलाकर, भयभीत कर, बल पूर्वक तथा नाजायज दबाव आदि डालकर उनका धर्मांतरण कराया जा रहा है.
IG ATS जीके गोस्वामी के मुताबिक, एटीएस ने अवैध धर्मांतरण मामले में अब तक 10 आरोपी को गिरफ्तार किया हैं. यूपी एटीएस ने जांच के बाद उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाउद्दीन के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है. एटीएस ने 60 दिन में यह कार्रवाई की है. उन्होंने बताया कि, विवेचना में आरोपियों के खिलाफ मिले साक्ष्यों के आधार पर यह तथ्य सामने आए हैं. आपराधिक षड्यंत्र के तहत देशव्यापी यह अवैध धर्मान्तरण गिरोह संचालित हो रहा था.
छह के खिलाफ UP ATS ने दाखिल की चार्जशीट. धर्मान्तरण गैंग के तार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जुड़े हैं. धर्मान्तरण गैंग आर्थिक रूप से असहाय, कमजोर लोगों व महिलाओं, दिव्यांगों खासकर मूक-बधिरों को बहलाकर विद्वेषपूर्ण ढंग से धर्मान्तरण कराया जा रहा है. धर्मान्तरित व्यक्ति को कट्टर विचारधारा से जोड़कर उनके रिश्तेदारों, परिचितों का भी धर्म परिवर्तन करवाया जा रहा था. इस तरह धर्मान्तरण की एक चेन बन चुकी थी. धर्म बदलने के बाद कोई वापस अपने मूल धर्म मे न जा पाए इसके लिए समय-समय पर सभाएं की जाती थी जो एक तरह से काउंसलिंग करने का तरीका होता है.
जांच में सामने आया कि देश में स्थापित अलग-अलग धर्मों के बीच विवाद और हिंसा बढ़ाने के लिए भी धर्मान्तरण को हथियार बनाया गया था. अभियुक्तों की इस अवैध धर्मान्तरण की कार्रवाई से विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्य एवं कटुता बढ़ी है. रेडिकलाइज्ड व धर्मान्तरित व्यक्तियों को देश विरोधी अतिवादी विचारधारा से भी जोड़े जाने के भी प्रमाण मिले हैं.
IG ATS की मानें तो विवेचना में मिले साक्ष्यों से यह साफ है कि उमर गौतम, काजी जहांगीर द्वारा अपने गिरोह के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सदस्यों के साथ मिलकर एक सिंडिकेट बनाकर भारत में जनसंख्या संतुलन को बदलने के लिए काफी संख्या में लोगों को विभिन्न प्रकार के लालच देकर उनके मूल धर्म के प्रति भ्रम व घृणा पैदा कर, भय व आतंकित कर, मनोवैज्ञानिक दबाव डालकर लोगो का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. इस बात के भी सुबूत मिले हैं कि, आरोपी धर्म परिवर्तन करने वाले व्यक्ति को उसके धर्म के विषय में भ्रामक तथ्य बताकर बरगलाते थे.
IG की मानें तो गलत नियत से आरोपियों ने विभिन्न धर्मों के धार्मिक विश्वासों को आहत करने का काम किया है. इस अवैध गतिविधि को संचालित करने के लिए इस्लामिक दावा सेंटर, गाज़ियाबाद (मसूरी) के धार्मिक स्थल व नोएडा डेफ सोसाइटी को औपचारिक केंद्र बनाकर सम्पूर्ण भारत में इसका जाल बिछाया गया. अवैध धर्मांतरण कराने के लिए आपराधिक षड्यंत्र के तहत विदेशों में बैठे इसके सहयोगियों द्वारा भारी मात्रा में अवैधानिक ढंग से हवाला के जरिये फंडिंग की जाती थी. उमर गौतम हवाला के पैसों को अवैध ढंग से धर्म परिवर्तन के लिए खर्च करता था. IDC धर्मान्तरित वह संस्थान है जहां पर धर्मान्तरण के शिकार लोगों का अपने अवैध नेटवर्क का प्रयोग करके झूठी सूचनाओं के आधार पर धर्मान्तरण संबंधी प्रपत्र भी तैयार कराए जाते थे.
IG के मुताबिक, इन सभी आरोपियों ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत ऑर्गनिक मैकेनिज्म तैयार कर अवैध धर्मांतरण गैंग चला रहे थे. इनका उद्देश्य भारत की धार्मिक जनसंख्या संतुलन को पलटकर एक धर्म-निरपेक्ष राष्ट्र के नागरिकों के आपसी सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का काम किया जा रहा है. इस प्रकरण में इस गैंग के अन्य आरोपियों, नागपुर से गिरफ्तार प्रसाद कावरे उर्फ एडम उर्फ आदम, अर्सलान उर्फ भूप्रिय विंदो, कौसर आलम और डॉ. फराज एवं अन्य संदिग्धों के खिलाफ विवेचना की जा रही है. जल्द इनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जाएगी.