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युगांडा में, जयशंकर ने मालदीव, अंगोला और बेलारूस के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकें कीं - foreign ministers of Belarus

Foreign Minister S Jaishankar: विदेश मंत्री एस जयशंकर युगांडा की राजधानी कंपाला में हैं. यहां वह गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इस दौरान उन्होंने दुनिया के कई देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस यात्रा के बारे में जानकारी शेयर की.

Foreign Minister S Jaishankar
युगांडा में, जयशंकर ने मालदीव, अंगोला और बेलारूस के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकें कीं

By PTI

Published : Jan 19, 2024, 6:39 AM IST

कंपाला : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को मिस्र मालदीव, अंगोला और बेलारूस के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें की, जिस दौरान उन्होंने उनके साथ आपसी हितों और बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के मुद्दों पर चर्चा की. जयशंकर शुक्रवार से शुरू हो रहे गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला में हैं.

उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर 'स्पष्ट बातचीत' की. बैठक की एक तस्वीर साझा करते हुए जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि आज कंपाला में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर से मुलाकात हुई. भारत-मालदीव संबंधों पर खुलकर बातचीत हुई. एनएएम से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई.

उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री समेह शौकरी से भी मुलाकात की और गाजा में जारी संघर्ष पर उनके आकलन और अंतर्दृष्टि की सराहना की. मंत्री ने कहा कि उन्होंने अंगोला के विदेश मंत्री टेटे एंटोनियो के साथ 'अच्छी मुलाकात' की जिसमें उन्होंने भारत-अंगोला और भारत-अफ्रीका सहयोग के विस्तार पर चर्चा की.

जयशंकर ने 'एक्स' पर अपने पोस्ट में बताया कि बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग के बारे में भी बात की. भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त व्यवस्था बढ़ाने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. जयशंकर ने बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक से भी मुलाकात की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया.

उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि बेलारूस के विदेश मंत्री सर्गेई एलेनिक के साथ एक सार्थक बैठक. विभिन्न क्षेत्रों में भारत-बेलारूस सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान किया. साथ ही यूक्रेन संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम पर भी चर्चा की.

इससे पहले उन्होंने अपनी यात्रा की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं और लिखा कि उन्नीसवें एनएएम शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए कंपाला पहुंचा हूं. भारत ने एनएएम और जी-77 समूह के शिखर सम्मेलन की मेजबानी में युगांडा के सहयोग के लिए देश को मदद स्वरूप 10 बसें, पांच एम्बुलेंस, 10 ट्रैक्टर और कुछ ध्वज स्तंभ प्रदान किए हैं.

जयशंकर की कंपाला यात्रा युगांडा और नाइजीरिया के उनके दो देशों के दौरे का हिस्सा है. विदेश मंत्रालय (एमईए) ने उनकी यात्रा से पहले नयी दिल्ली में एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि कंपाला के बाद विदेश मंत्री 21 जनवरी से नाइजीरिया की तीन दिवसीय यात्रा करेंगे.

विज्ञप्ति में कहा गया है कि युगांडा के नेतृत्व में एनएएम शिखर सम्मेलन 120 से अधिक विकासशील देशों को ऐतिहासिक महत्व के अहम मंच पर एक साथ लाता है. शिखर सम्मेलन का विषय 'साझा वैश्विक समृद्धि के लिए गहन सहयोग' है और इससे पहले मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के स्तर पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

विदेश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह एनएएम विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एनएएम के लिए युगांडा की थीम का पूरे दिल से समर्थन करता है और युगांडा के नेतृत्व में एनएएम के साथ जुड़ने के लिए उत्सुक है.

एनएएम के अग्रणी और संस्थापक सदस्यों में से एक के रूप में, भारत आंदोलन के सिद्धांतों और मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है. एनएएम शिखर सम्मेलन के मौके पर जयशंकर के युगांडा के नेतृत्व और कई अन्य एनएएम सदस्य देशों के समकक्षों से मिलने की उम्मीद है.

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