नई दिल्ली:उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने शुक्रवार को कहा कि देश में रिण वसूली अधिकरणों से लेकर राष्ट्रीय कंपनी कानून अधिकरणों (एनसीएलटी) जैसी अर्द्ध न्यायिक इकाइयों में पीठासीन अधिकारी के 19 पद तथा न्यायिक एवं तकनीकी सदस्यों के क्रमश: 110 और 111 पद रिक्त (Vacant Post) हैं.
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने विभिन्न अधिकरणों में रिक्तियों को नहीं भरे जाने को बहुत दुखद बताया. इस बारे में उठाए गए कदमों से केंद्र को 10 दिनों के अंदर अवगत कराने को कहा.
साथ ही, कहा कि उन्हें संदेह है कि इस सिलसिले में कुछ लॉबी काम कर रही है. शीर्ष न्यायालय ने अधिकरणों में रिक्त पदों को नहीं भरे जाने पर नाखुशी प्रकट की. साथ ही कहा कि पांच अगस्त की तारीख में रिकार्ड में मौजूद अर्द्ध न्यायिक इकाइयों में लंबित रिक्तियों का हवाला देते हुए उम्मीद जताई कि केंद्र स्वतंत्रता दिवस के बाद 16 अगस्त को कुछ अच्छी खबर दे सकता है. जब पीठ इस मुद्दे से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
शीर्ष न्यायालय के पास उपलब्ध रिकार्ड के मुताबिक, बैंकों के फंसे हुए कर्ज की बरामदगी के लिए गठित रिण वसूली अधिकरणों में देश में पीठासीन अधिकारियों के 15 पद रिक्त हैं और इसकी अपीलीय संस्था, डीआरएटी की कलकत्ता शाखा में अध्यक्ष नहीं है. शीर्ष न्यायालय को उपलब्ध कराई गई रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि ज्यादातर मामलों में चयन समितियों ने नियुक्तियों के लिए नामों की सिफारिश की थी लेकिन उन पर अमल नहीं किया गया.