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राज्यसभा में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने बताया- ऑक्सीजन संकट से किसी राज्य में मौत की सूचना नहीं

सरकार ने मंगलवार को एक बार फिर संसद में कहा कि अब तक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण होने वाली किसी मौत (Death Due To Oxygen Crisis) की पुष्टि नहीं की है. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री (Minister of State for Health and Family Welfare) भारती प्रवीण पवार ने शून्यकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोविड-19 के संबंध में राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नियमित भेजी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर कुल मामलों और इसके कारण होने वाली मौतों के आंकड़े रखती है.

no death has been reported in any state due to oxygen crisis
ऑक्सीजन संकट से किसी राज्य में मौत की सूचना नहीं

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Published : Apr 5, 2022, 7:30 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (Minister of State for Health and Family Welfare) डॉ. भारती प्रवीण पवार ने मंगलवार को राज्यसभा को बताया कि किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत की पुष्टि नहीं की है. प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य शक्ति सिंह गोहिल के एक सवाल के जवाब में, डॉ. पवार ने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से इस मामले पर विवरण प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है. कुल 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने जवाब दिया है, लेकिन उनमें से किसी ने भी ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की पुष्टि की रिपोर्ट नहीं दी है. उन्होंने कहा कि चार अप्रैल, 2022 की स्थिति के अनुसार, राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने कोविड-19 के कारण देश कुल 5,21,358 लोगों की मौत की रिपोर्ट दी है.

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उन्होंने कहा कि जवाब मिलने के बाद इसे सदन में पेश किया जाएगा. शक्तिसिंह गोहिल ने जानना चाहा कि जब सरकार ने कोविड-19 की मौत के लिए मुआवजे के रूप में 4 लाख रुपए का वादा किया था, तो घोषणा के कुछ घंटे बाद फैसला क्यों उलट दिया गया. वह यह भी जानना चाहते थे कि पैसा दिया जाएगा या नहीं. इस पर भारती पवार ने जवाब दिया कि गरीब मरीजों के लिए बीमा योजनाओं के जरिए व्यवस्था की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र, राज्य और जिला स्तरों पर अनुग्रह भुगतान की जांच की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि 4 लाख रुपए नहीं बल्कि 50,000 रुपए दिए जाएंगे.

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कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य दिग्विजय सिंह ने 12 साल से कम उम्र के लिए वैक्सीन प्रोटोकॉल के बारे में पूछा. उनके सवाल के जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने कहा कि टीके के प्रोटोकॉल वैज्ञानिक साक्ष्य, विशेषज्ञों की सिफारिशों और वैज्ञानिक परीक्षणों से निर्धारित होते हैं. 12 साल से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण पर पवार ने कहा कि निर्णय वैज्ञानिक आधार पर साक्ष्य और शोध के आधार पर लिए जाते हैं. पश्चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस के सांसद डॉ. सांतनु सेन ने पूछा कि किस तारीख तक सभी भारतीयों को कोविड के दोनों टीके लग जाएंगे. इसका जवाब देते हुए भारती पवार ने कहा कि पहली खुराक 97 फीसदी लोगों को और दूसरी खुराक 85 फीसदी लोगों को दे दी गई है. उन्होंने कहा कि टीकाकरण स्वैच्छिक है और उम्मीद है कि हर कोई इस पहल में भाग ले सकता है.

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