नई दिल्ली : कतर की एक अदालत ने जासूसी के एक कथित मामले में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उनकी मौत की सजा को कम कर दिया है. उन्हें पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'हमने दहारा ग्लोबल मामले में कतर की अपीलीय अदालत के आज के फैसले पर गौर किया, जिसमें सजा कम कर दी गई है.'
मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कम की गयी सज़ा क्या है. उसने कहा, 'इस मामले की कार्यवाही की प्रकृति गोपनीय और संवेदनशील होने के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.' मंत्रालय ने कहा कि विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है और वह अगले कदम के बारे में फैसला करने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क में है. कतर की अपीलीय अदालत के इस फैसले को भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. कुछ हफ्ते पहले ही, दुबई में 'सीओपी28' शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी के साथ मुलाकात की थी.
एक दिसंबर को हुई मुलाकात के बाद, मोदी ने कहा था कि उन्होंने कतर में भारतीय समुदाय के कल्याण को लेकर चर्चा की. नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को जासूसी के आरोप में अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया था और कतर की एक अदालत ने अक्टूबर में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित 'दहारा ग्लोबल' कंपनी के कर्मचारी थे. उनके खिलाफ आरोपों को कतर के अधिकारियों ने सार्वजनिक नहीं किया था.
निजी कंपनी कतर के सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है. भारत ने इस सजा के खिलाफ पिछले महीने कतर में अपीलीय अदालत का दरवाजा खटखटाया था. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ आज अपीलीय अदालत में मौजूद थे. हम मामले की शुरुआत से उनके साथ खड़े हैं और हम उन्हें सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतर के अधिकारियों के समक्ष भी उठाते रहेंगे.'
अदालत के इस फैसले का विभिन्न राजनीतिक दलों, पूर्व राजनयिकों और सुरक्षा विशेषज्ञों सहित कई लोगों ने स्वागत किया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'कतर की अपीलीय अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैन्य अधिकारियों को मौत की सजा पर आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है. इस फैसले से पूरा देश राहत महसूस कर रहा है और कांग्रेस भी इसमें शामिल है... हालांकि विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा है, हम आशा व्यक्त करते हैं कि मौत की सजा के बदले दी गई जेल की सजा को रद्द कर दिया जाएगा और अधिकारियों को मुक्त कर दिया जाएगा.'