दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

राजस्थान: 6 साल की मासूम से दुष्कर्म के दोषी मौलवी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा, जज ने की मार्मिक टिप्पणी - मदरसे में पढ़ने आई बच्ची से मौलवी ने किया रेप

Pocso Court (क्रम संख्या 3) ने 6 साल की मासूम से रेप के दोषी मौलवी को बड़ी सजा (Kota Pocso Court Verdict On Maulavi) सुनाई है. उसे शेष जीवन काल तक जेल में रहने की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया गया है.

Kota Pocso Court Verdict On Maulavi, Maulavi who raped 6 year old girl
मौलवी को अंतिम सांस तक की सजा.

By

Published : May 10, 2022, 6:59 PM IST

कोटा. राजस्थान के कोटा में पॉक्सो कोर्ट क्रम संख्या 3 ने 6 साल की मासूम से रेप के मामले में दोषी मौलवी को शेष जीवन काल तक जेल में रहने की सजा और एक लाख रुपए का जुर्माना से दंडित किया है. मामला कोटा जिले के दीगोद थाना क्षेत्र का है. बालिका मदरसे में पढ़ने गई थी और रामपुरा कोटा निवासी मौलवी ने उसके साथ दुष्कर्म (Kota Pocso Court Verdict On Maulavi) किया था. न्यायालय ने 6 महीने पुराने में फैसला दिया है. जज ने फैसले के दौरान मार्मिक टिप्पणी के रूप में एक कविता भी लिखी है.

जानकारी के मुताबिक दीगोद थाने पर 13 नवंबर 2021 को एक व्यक्ति ने आकर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि उसकी 6 वर्षीय बेटी दोपहर 3 बजे मदरसे में पढ़ने जाती है. जहां पर कोटा से आए हुए मौलवी उर्दू बच्चों को पढ़ाते हैं. 6 वर्षीय बेटी भी उनमें शामिल है. बालिका मदरसे से वापस लौटी तो काफी रो रही थी. बालिका की मां और ताई ने उससे रोने का कारण पूछा तो बालिका ने बताया कि मौलवी अब्दुल रहीम ने उसे कमरे में बुलाया और उसके साथ गलत काम किया. इस पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी. बालिका के 164 के बयान करवाए गए. इसके बाद पुलिस ने मौलवी अब्दुल रहीम को गिरफ्तार कर लिया. साथ ही पोटेंसी टेस्ट भी करवाया गया. इसके अलावा डीएनए भी मैच हुआ है.

पढ़ेंः भीलवाड़ा: मासूम से दुष्कर्म के आरोपी को कोर्ट ने अंतिम सांस तक जेल में रखने की सुनाई सजा

विशेष लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया कि घटना नवंबर महीने की है. इस मामले में साढ़े 4 महीने ट्रायल चली है. पुलिस ने घटना के बाद दिसंबर महीने में ही चालान पेश कर दिया था. न्यायालय में 13 गवाह और 23 दस्तावेज पेश किए गए थे. इन सभी सबूतों के आधार पर आरोपी को न्यायालय ने दोषी मानते हुए दंडित किया है.

फैसले पर की टिप्पणी

विशिष्ट लोक अभियोजक ललित शर्मा ने बताया कि पॉक्सो न्यायालय क्रम संख्या तीन के न्यायाधीश दीपक दुबे ने फैसले की भावना को बताते हुए टिप्पणी करते हुए एक कविता लिखी है.

"ओ मेरी नन्ही मासूम परी रानी...

तुम खुश हो जाओ...

तुम्हें रुलाने वाले दुष्ट राक्षस को...

हमने जिंदगी की आखिरी सांस तक के लिए सलाखों के पीछे भेज दिया है...

अब तुम इस धरती पर निडर होकर अपने सपनों के खुले आसमान में पंख लगाकर उड़ सकती हो...

तुम सदैव हंसती रहो चहकती रहो बस यही प्रयास है हमारा..."

ABOUT THE AUTHOR

...view details