जोधपुर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला रविवार को जोधपुर में अपने मित्र के पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने आए थे. उस दौरान सभा में फारुख अब्दुल्ला ने कहा कि मैंने राजस्थान के पानी में नमक खाया है. मैं 7 साल पहले जयपुर के मेडिकल कॉलेज में आया था, तब मुझे याद है एक लड़की विश्नोई खानदान से मिली थी. तब मैंने देखा वह लड़की धर्म को लेकर कितना संजीदा थी. अब हम लोग धर्म से बहुत दूर हो गए हैं. धर्म बुरा नहीं है, इंसान बुरा है. धर्म अच्छी चीज सिखाता है.
दुनिया में एक ही जाति है जो वृक्ष को काटने नहीं देती है. खुद कट जाते हैं, लेकिन वृक्ष बचाते हैं. भारत तरक्की करेगा और इसे कोई रोक नहीं सकता. पहले भारत का इंसान सही होना चाहिए. एक तो अपने आप पर भरोसा होना चाहिए और दूसरा भगवान पर भरोसा होना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने गाना गाते हुए कहा कि रहना यहां, मरना यहां इसके सिवा जाना कहां.. नफरत छोड़ो और प्रांत की तरफ चलो.
उन्होंने कहा कि दुनिया में तबाही है, वह इसलिए है कि हम भगवान को भूल गए और खुद को भगवान समझ बैठे हैं. भगवान से मांगों कि भारत को मुश्किलों से निकाले...इस गरीबी से निकाले, इस बदहाली से निकाले भगवान तू ही सब कुछ है. जब हमारा मरीज अस्पताल में पड़ा होता है और उसे खून की जरूरत होती है तब यह पता नहीं होता है कि खून किसका है, लेकिन बचने के बाद जब हॉस्पिटल से बाहर आता है तो वह विश्नोई, ब्राह्मण, ईसाई सब बन जाता है, लेकिन इंसान नहीं बन पाता है. अगर इंसान बनना है तो भगवान को पहचानो और जिस दिन तुम भगवान को पहचान लोगे तुम्हें किसी से नफरत नहीं होगी.