इस्लामाबाद :विपक्ष में आने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान विरोध का वही तरीका आजमाने आ रहे हैं, जो विरोधियों ने उनके कार्यकाल में आजमाया था. इमरान देश भर में सार्वजनिक रैलियों का सिलसिला शुरू किया है. इन रैलियों में वह शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के खिलाफ एक गंभीर राजनीतिक हमला कर रहे हैं. अब वह तत्काल चुनाव कराने की मांग को लेकर इस्लामाबाद की ओर लॉन्ग मार्च करने का ऐलान किया है. पूर्व प्रधानमंत्री ने पिछले रविवार को एबटाबाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी ताकत उन्हें 20 मई को 'लान्ग मार्च' निकालने से नहीं रोक सकती है.पीटीआई का दावा है कि इस लॉन्ग मार्च में कम से कम 20 लाख लोग इस्लामाबाद की ओर जाएंगे. इससे देश के प्रमुख शहरों में जाम लग जाएगा.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान ने देश की जनता से विरोध प्रदर्शन के लिए इस्लामाबाद की ओर मार्च के लिए तैयार रहने की अपील की है. यह मार्च कब होगी, यह अभी तय नहीं है. पीटीआई के नेताओं का कहना है कि वह जल्दी चुनाव की घोषणा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए लॉन्ग मार्च का आयोजन कर रही है. इमरान खान मई के अंतिम सप्ताह तक इसका ऐलान कर सकते हैं. सूत्रों ने कहा कि इस लॉन्ग मार्च के जरिये पार्टी ने इस्लामाबाद, लाहौर समेत प्रमुख शहरों को बंद करने की प्लानिंग की है. पीटीआई के नेता इमरान की रैलियों में मिलने वाले जनसमर्थन से उत्साहित हैं.
पीटीआई के उपाध्यक्ष और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने दावा किया है कि शहबाज सरकार के खिलाफ लोगों के मन में गुस्सा है. लॉन्ग मार्च में लाखों लोग शामिल होंगे मगर यह शांतिपूर्ण होगा. उन्होंने कहा कि जब लाखों लोग इमरान खान के साथ एकजुटता दिखाने सड़क पर उतरेंगे तब सरकार को यह अंदाजा होगा कि सरकार गिरने से पार्टी को जरा सा भी नुकसान नहीं हुआ है. पीटीआई के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाखों लोग सामने आए और एक पेड़ की एक शाखा भी क्षतिग्रस्त नहीं हुई। यह धरना भी इसी अंदाज में होगा. उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि अमेरिका के बिडेन प्रशासन के नेतृत्व में पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन के लिए सुनियोजित 'साजिश' रची और इमरान खान की सरकार को गिरा दिया.