चंड़ीगढ़ :पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अब अन्य दलों के निशाने पर हैं. कांग्रेस समेत सभी दल उन पर हमलावर हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से नई राजनैतिक पार्टी बनाने के एलान और भाजपा के साथ जाने के संकेत के बाद पंजाब में राजनैतिक समीकरण बदलते नज़र आ रहे हैं. हालांकि कैप्टन अमरिंदर सिंह पहली बार कोई राजनैतिक पार्टी नहीं बना रहे, इससे पहले भी शिरोमणी अकाली दल काबिल नाम से पार्टी बनाई थी, लेकिन पंजाब के लोगों ने ज्यादा तरजीह नहीं दी थी.
अमरिंदर के पुराने साथी रहे, पंजाब के मौजूदा डिप्टी सीएम सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने कहा है कि कैप्टन ने कांग्रेस पार्टी की पीठ में छुरा मारा है. इसी तरह अकाली दल की बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब की कांग्रेस सरकार का रिमोट केंद्र की भाजपा सरकार के हाथ में रहा है. इससे पहले भी कैप्टन अमरिंदर सिंह कई बार भाजपा के सीनियर लीडरशिप के साथ मुलाकातें करते रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि 'आप' को पंजाब में रोकनो के लिए पहले ही तीन राजनैतिक पार्टियां सक्रिय हैं, यदि कैप्टन अमरिंदर सिंह चौथी पार्टी बनाते हैं तो भी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने से नहीं रोक सकते.
ढींडसा की पार्टी का क्या होगा असर
उधर, शिरोमणी अकाली दल बादल से अलग हुए सुखदेव सिंह ढींडसा की तरफ से भी राजनैतिक पार्टी बनाई गई है, जिस का नाम शिरोमणी अकाली दल टकसाली रखा गया है और उनकी तरफ से भी अपने आप को तीसरे बादल के तौर पर पेश किया जा रहा है. लेकिन फ़िलहाल इनकी राजनैतिक पार्टी का कोई बहुत प्रभाव रसूख लोगों में देखने को नहीं मिल रहा.