लखनऊ :उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले के वाद संख्या 950 में याचिकाकर्ता ने न्यायालय के सिविल जज की डिवीजन कोर्ट में अहम दस्तावेज पेश किए है. मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद की दीवार पर शंख की आकृति छपी हुई है तो वहीं मस्जिद के पिलर पर शेषनाग की आकृति बनी हुई है.जो हिंदू देवी-देवताओं की मानी जाती है वाद संख्या 950 में अगली सुनवाई 15 सितंबर को होनी है.
श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर जनपद के सिविल जज डिवीजन की कोर्ट में छह मामले अभी विचाराधीन है. वाद संख्या 950 के अधिवक्ता ने न्यायालय में अहम दस्तावेज पेश किए है.अधिवक्ता बताया कि मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद की दीवारों पर छपे शंख की आकृति के फोटो और मस्जिद के पिलर पर शेषनाग की आकृति अंकित है. फोटो न्यायालय के समक्ष पेश किए गए हैं. जो कि हिंदू देवी-देवताओं की माने जाते हैं. मुगल शासक औरंगजेब में मंदिर तोड़कर अवैध मस्जिद का निर्माण कराया था.
जन्मभूमि को लेकर मामला विचाराधीन
सिविल जज की सीनियर डिविजन कोर्ट में जन्मभूमि मामले को लेकर 6 मामले अभी विचाराधीन है. इन सभी मामलों में समय-समय पर तारीख पर तारीख पड़ती रहती है. जबकि जिला जज की कोर्ट में एक मामला और भी विचाराधीन है.
श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर न्यायालय में जो विवाद दर्ज किया गया है उन सभी वाद में चार प्रतिवादी पक्ष श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, श्री कृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट, शाही ईदगाह मस्जिद और सुन्नी वक्फ बोर्ड से शामिल है.
वर्तमान कृष्ण जन्मस्थान की मौजूदगी
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर प्राचीन ठाकुर केशव कटरा विराजमान की जमीन पर स्थापित है. वर्तमान में श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में श्री कृष्ण का गर्भ ग्रह, लीला मंच और भागवत भवन बने हुए हैं. वहीं उत्तर दिशा में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है जोकि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर अवैध मस्जिद का निर्माण कराया था. मंदिर और मस्जिद के प्रवेश और निकासी द्वार अलग-अलग बने हुए हैं.
याचिकाकर्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया श्री कृष्ण जन्मभूमि के मामले को लेकर सिविल जज की सीनियर डिविजन कोर्ट में अहम दस्तावेज न्यायालय में पेश किए गए हैं. उन दस्तावेजों में शाही ईदगाह मस्जिद की दीवार पर शंख की आकृति बनी हुई है दूसरी, तरफ मस्जिद के पिलर पर ऊपर की साइड शेषनाग की आकृति अंकित है जोकि सनातन धर्म में हिंदू देवी-देवताओं के माने जाते हैं.
दस्तावेजों को न्यायालय के सामने पेश किया गया है. मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर अवैध मस्जिद का निर्माण कराया था जो कि गैर कानूनी है.