हैदराबाद : भारत में हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस मनाया जाता है. यह दिन सभी स्थानों पर स्वच्छता के मानकों को बनाए रखने के लिए मनाया जाता है. यह एक कार्यस्थल, घर, या अन्य सार्वजनिक स्थान जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, पार्क आदि हैं. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसके महत्वों के बताना है. महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 2014 से हर साल 30 जनवरी को राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस मनाया जाता है.
स्वच्छता का महत्व
स्वच्छता और सफाई हमारे रोज के दिनचर्या में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. यह डेंगू, टाइफाइड, हेपेटाइटिस और मच्छर के काटने से होने वाली अन्य बीमारियों और खतरनाक रोगों से हमे बचाता है. पीलिया, हैजा, एस्कारियासिस, लेप्टोस्पायरोसिस, दाद, खाज, सिस्टोसोमियासिस, ट्रैकोमा आदि जैसे बीमारी दूषित भोजन, दूषित पानी और अस्वच्छ स्थिति में रहने के कारण फैल सकते हैं.
स्वच्छता से जुड़े कुछ तथ्य
- हर साल 7,75,000 लोगों की अस्वच्छता के कारण मौत हो जाती है.
- कम आय वाले देशों में अस्वच्छता के कारण 5 प्रतिशत लोगों की मौत होती है.
- 2.4 बिलियन लोगों (दुनिया का एक तिहाई) की पहुंच बेहतर स्वच्छता तक नहीं है.
- 4.5 बिलियन लोगों की उन्नत सफाई व्यवस्था (safely managed sanitation) तक पहुंच नहीं है.
- दुनिया के 15 प्रतिशत लोग अभी भी खुले में शौच करते हैं.
- दुनिया के 40 प्रतिशत लोगों के पास बुनियादी हाथ धोने की सुविधा तक पहुंच नहीं है.
स्वच्छता को लेकर गांधीवादी विचार
गांधी के नेतृत्व में भारतीयों ने स्वतंत्रता प्राप्त की, लेकिन उनका स्वच्छ भारत का सपना आज भी अधूरा है. महात्मा गांधी ने कहा था 'स्वच्छता स्वतंत्रता से अधिक महत्वपूर्ण है'. उन्होंने सफाई और स्वच्छता को गांधीवादी जीवन जीने के अभिन्न अंग बनाया. उनका सपना सभी के लिए संपूर्ण स्वच्छता था.
शारीरिक स्वास्थ्य और स्वस्थ वातावरण के लिए स्वच्छता सबसे महत्वपूर्ण है. इसका असर सार्वजनिक और व्यक्तिगत स्वच्छता पर पड़ता है. अगर हम कुछ आदतों को शामिल करते हैं जैसे भोजन से पहले हाथ धोना, दांतों को नियमित रूप से ब्रश करना आदि शामिल करना चाहिए. गांधी ने स्वच्छता और अच्छी आदतों पर ध्यान दिया और अच्छे स्वास्थ्य के लिए अपने करीबी रिश्ते की ओर इशारा किया.
अधिकतम स्वच्छता पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
स्वच्छ भारत मिशन एक देशव्यापी अभियान है, जो 2014 में भारत सरकार द्वारा खुले में शौच को खत्म करने और सॉलिड वेस्ट प्रबंधन में सुधार करने के लिए शुरू किया गया है. नमामि गंगे कार्यक्रम गंगा नदी के संरक्षण और कायाकल्प के लिए जून 2014 में शुरू किया गया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ शक्ति 2019 कार्यक्रम में देशभर की महिला सरपंचों को स्वच्छ शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था. स्वच्छ शक्ति कार्यक्रम एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ भारत मिशन में ग्रामीण महिलाओं द्वारा निभाई गई नेतृत्वकारी भूमिका को प्रोत्साहित करना है. 8 अगस्त, 2020 को पीएम मोदी ने भारत को कचरा मुक्त करने के लिए सप्ताह भर चलने वाले अभियान की शुरुआत की.
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्र में विकास
- निर्मित घरेलू शौचालयों की संख्या– 10,75,02,788
- गांवों की संख्या जिन्हें खुले में शौच मुक्त बनाया गया – 603138
- खुले में शौच मुक्त जिलों की संख्या - 711