दिल्ली

delhi

भौम प्रदोष व्रत : जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

By

Published : Jun 22, 2021, 12:03 AM IST

Updated : Jun 23, 2021, 12:01 PM IST

हिंदू पंचांग के अनुसार 22 जून दिन मंलवार को प्रदोष व्रत (bhaum pradosh vrat) है, लेकिन मंगलवार के दिन पड़ने के चलते इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है. इस दिन भगवान शिवजी की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है.आइए जानते हैं इस व्रत का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहुर्त...

भौम प्रदोष व्रत
भौम प्रदोष व्रत

हैदराबाद : हिंदू पंचांग के अनुसार, 22 जून दिन मंलवार को प्रदोष व्रत (bhaum pradosh vrat) है, लेकिन मंगलवार के दिन पड़ने के कारण इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत कहा जाता है.

इस व्रत को बारे में बताने के लिए आज हमारे साथ हैं, ज्योतिष गुरु आचार्य राजेश जी महाराज, जिनके द्वारा हिंदू मान्यताओं को वैज्ञानिक आधार एंव ज्योतिष शास्त्रीय वार्ता प्रस्तुत है ईटीवी भारत के समस्त दर्शकों के हेतु.

लोकमंगल ज्योतिष अनुसंधान संस्थान (बांदा) के निदेशक ज्योतिषाचार्य आचार्य राजेश जी महराज के अनुसार, भूमि पुत्र भौम प्रदोष व्रत अन्नपूर्णा काशी पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष की द्वादशी तिथि दिन मंगलवार को 22 जून को देशभर में घूम-घाम से मनाया जाएगा.

गुरु आचार्य राजेश जी महाराज से खास बातचीत.

ज्योतिष शास्त्र में मंगल को भूमि और भवन एवं शुक्र को भौतिकता या समृद्ध का ग्रह माना गया है. मिथुन राशि में सूर्य, कर्क राशि में चंद्र और शुक्र युति होने से यह व्रत और भी महत्वपूर्ण हो गया है. हिंदू धार्मिक मान्यता के आधार पर ऋण (कर्ज) से मुक्त पाने अथवा निर्धनता से छुटकारा पाने हेतु यह व्रत अत्यंत फलदायी है.

पूजन विधि
स्नान आदि से निवृत हो प्रात:काल ऋण, रोग आदि से मुक्ति हेतु व्रत करने का संकल्प लें. भगवान शिव को स्नान करा पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, अच्छत, चंदन, व विल्वपत्र से अर्चन करें. रुद्राभिषेक करायें. शिवतांडव या रुद्राष्टकम् का पाठ करायें एंव 'हौं ॐ जूं सः' मंत्र का जाप करें.

ऋण मोचन हेतु भगवान शिव को दुग्ध व मधु से अभिषेक करें. शिव की आरती अवश्य करें.

नोट- सायंकाल गोधूलिवेला में रुद्राभिषेक करें और फलाहार लें.

Last Updated : Jun 23, 2021, 12:01 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details