रायपुर :महाशिवरात्रि हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि पर शिव पूजा के लिए ज्योतिर्लिंगों में भी विशेष तैयारी की जाती है. इस दिन इन स्थानों पर मान्यता के अनुसार अलग-अलग तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है. भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं. पूरब-पश्चिम-उत्तर और दक्षिण हर जगह भोले बाब के जयकारे गूंजते हैं.
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है. यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है. यह मंदिर लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी के तट पर श्रीशैल नाम के पर्वत पर स्थित है. इस मंदिर का महत्व भगवान शिव के कैलाश पर्वत के समान कहा गया है. अनेक धार्मिक शास्त्र इसके धार्मिक और पौराणिक महत्व की व्याख्या करते हैं.
महाकाल ज्योतिर्लिंग
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कही जाने वाली उज्जैन नगरी में स्थित है. यहां प्रतिदिन सुबह की जाने वाली भस्मारती विश्वभर में प्रसिद्ध है. महाकाल यानी हर संकट से बचाने वाले. महाकाल की पूजा विशेष तौर पर आयु वृद्धि और संकट को टालने के लिए की जाती है. नगर के राजा बाबा महाकाल ही माने जाते हैं.
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश इंदौर शहर के पास ही स्थित है. जिस स्थान पर यह ज्योतिर्लिंग स्थित है, उस स्थान पर नर्मदा नदी बहती है.
केदारेश्वर, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
केदारनाथ स्थित केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के 12 प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में आता है. यह उत्तराखंड में स्थित है. बाबा केदारनाथ का मंदिर बद्रीनाथ के मार्ग में स्थित है. केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण एवं शिव पुराण में भी मिलता है. इस शिखर से पूर्व दिशा में अलकनन्दा नदी के किनारे भगवान श्री बद्री विशाल का मन्दिर है. जो कोई बिना केदारनाथ भगवान का दर्शन किए यदि बद्रीनाथ क्षेत्र की यात्रा करता है, तो उसकी यात्रा व्यर्थ मानी जाती है.
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित है. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. यह पश्चिमी घाट के सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है. यहीं से भीमा नदी भी निकलती है. भीमशंकर महादेव काशीपुर में भगवान शिव का प्रसिद्ध मंदिर और तीर्थ स्थान है. यहां का शिवलिंग काफी मोटा है, जिसके कारण इन्हें मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है. पुराणों में भी इसका वर्णन मिलता है.