नई दिल्लीःभारतीय पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या के पर्व के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व 21 जनवरी 2023 यानी शनिवार को आ रही है. ऐसे में शनिवार को आने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) कहा जाता है, जो बहुत ही शुभ होती है. माघ में अमावस्या का अपना खास महत्व है. इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास रहता है. इसलिए गंगा स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है. इस वर्ष मौनी अमावस्या का भी विशेष महत्व बताया जा रहा है, क्योंकि मौनी अमावस्या पर ग्रहों का ऐसा संयोग बना है जो इस दिन के महत्व को कई गुना बढ़ा रहा है.
मौनी अमावस्या शनिवार 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 22 जनवरी रविवार को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. वहीं स्नान और दान करने का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 34 मिनट से लेकर 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा. वैदिक शास्त्रों लोक परंपराओं के अनुसार इस दिन समस्त पवित्र नदियों तथा सरोवरों का जल अमृत तुल्य हो जाता है. अतः इस दिन पवित्र सरोवरों व नदियों में स्नान करने का अत्यधिक महत्व बताया गया है. इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति पर शनि की दशा हो या जन्मकुंडली में शनि अशुभ हो तो उसे भी इस दिन उपाय करने चाहिए.