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मैं पीएम मोदी से भी कहता हूं, फैसला देना न्यायपालिका का अधिकार है : गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि 'अक्सर मैं पीएम मोदी और कानून मंत्री से कहता हूं कि जो भी फैसला हो, फैसला देना न्यायपालिका का अधिकार है और इसे किसी से प्रभावित नहीं होना चाहिए.' जानिए गडकरी ने और क्या कहा.

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Published : Jul 10, 2022, 7:44 PM IST

Updated : Jul 10, 2022, 8:11 PM IST

नागपुर : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union minister Nitin Gadkari) अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं. वह सरकार में रहते हुए भी सुधार के लिए बड़ी बात बोलते हैं. ऐसा ही वाक्या रविवार को नागपुर में हुआ, जब उन्होंने कहा कि एक मुक्त एवं निष्पक्ष लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र और तटस्थ न्यायिक प्रणाली सबसे बड़ी आवश्यकता है (Impartial judicial system biggest need).

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने नागपुर में महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के एक सुविधा खंड के उद्घाटन के मौके पर यह टिप्पणी की. लोकतंत्र के चार स्तंभों-विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया की तारीफ करते हुए गडकरी ने कहा, 'एक स्वतंत्र, तटस्थ और निष्पक्ष न्यायिक प्रणाली एक मुक्त एवं निष्पक्ष लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी आवश्यकता है.'

सुनिए गडकरी ने क्या कहा

उन्होंने समय को सबसे बड़ी पूंजी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में कई प्रशासनिक सुधार किए गए हैं. गडकरी ने कहा, 'कैबिनेट बैठक के दौरान जब न्यायाधिकरणों और अन्य चीजों पर चर्चा होती है तो मैं अक्सर कानून मंत्री और प्रधानमंत्री से कहता हूं कि निर्णय जो भी हो, फैसले करना न्यायपालिका का अधिकार है और यह किसी के प्रभाव में नहीं होना चाहिए.'

उन्होंने विकास कार्यों के लिए समयसीमा का पालन और देरी की वजहों को दूर करने की भी वकालत की, जिससे देश के हजारों करोड़ रुपये की बचत हो सके. उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीश न्यायमूर्ति भूषण गवई और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा तथा महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे.

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Last Updated : Jul 10, 2022, 8:11 PM IST

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