हैदराबाद : कोरोना महामारी की वजह से माता-पिता के सामने स्वास्थ्य से अलग एक नई चुनौती सामने आ गई थी. क्योंकि लॉकडाउन जैसे कई कारणों की वजह से लोगों की आर्थिक सुरक्षा खतरे में पड़ गई, वहीं उन्होंने आवश्यक सेवाओं तक ही अपने को सीमित कर लिया. फलस्वरूप मानसिक स्वास्थ्य कठिनाइयों, शराब के सेवन और आत्महत्या के विचारों में वृद्धि के साथ महामारी का माता-पिता पर काफी प्रभाव पड़ा. वहीं एक नए अध्ययन से पता चला है कि किस तरह कोविड-19 ने नवजात शिशुओं के माता-पिता को प्रभावित किया.
इस दौरान पाया गया कि माता-पिता में तनाव के मामले सामने आए, फिर भी माताओं ने बेहतर जीवन संतुष्टि जताई. हालांकि 90 फीसदी से अधिक माता-पिता ने महामारी की शुरुआत के बाद से ही अपने परिवार और बच्चे के साथ महत्वपूर्ण समय व्यतीत किया. वहीं 85 फीसदी ने अपनी माता-पिता की भूमिका में अधिक अपनापन का अहसास कराया.